मोहाली । भारतीय सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन ने लगातार फ्लॉप शो के बाद आखिरकार वापसी करते हुये मोहाली में आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मुकाबले में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह अालोचकों के बजाय सकारात्मक रहकर खेलने पर ध्यान देते हैं।
धवन ने रविवार को मोहाली में खेले गये चौथे वनडे में 143 रन की शतकीय पारी खेली जो उनके वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी भी है। हालांकि टीम इसके बावजूद चार विकेट से मैच गंवा बैठी। धवन का यह व्यक्तिगत प्रदर्शन हालांकि उनके लिये महत्वपूर्ण है क्योंकि वह लगातार बल्ले से निराश कर रहे थे और 17 वनडे मैचों के बाद जाकर उन्होंने शतक बनाया है।
सलामी बल्लेबाज़ ने अपनी पारी के बाद कहा,“ मैं जब दुखी होता हूं तो शांत रहता हूं और तभी अपना सर्वश्रेष्ठ कर पाता हूं। मेरा ध्यान हमेशा सकारात्मक मानसिकता के साथ खेलने पर लगा रहता है और मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि मेरे आलोचक क्या लिख रहे हैं या मेरे बारे में क्या कह रहे हैं।”
भारत के ओपनिंग क्रम में धवन का पिछला निराशाजनक प्रदर्शन टीम इंडिया के लिये भी सिररर्द बना हुआ था जिसे मई में इंग्लैंड में शुरू होने जा रहे आईसीसी विश्वकप के लिये अपने सर्वश्रेष्ठ संयोजन की तलाश है। उन्होंने कहा,“ मैं जब निराश होता हूं तब भी मैं जल्द आगे बढ़ जाता हूं। मैं नहीं जानता कि लोग क्या लिख रहे हैं। मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि मैं सकारात्मक मानसिकता के साथ आगे बढ़ता रहूं।”
धवन ने आलोचनाओं को लेकर कहा,“ मैं अखबार नहीं पढ़ता और ऐसी जानकारी जो मेरे लिये जरूरी नहीं है मैं उस पर ध्यान ही नहीं देता। मैं नहीं जानता कि मेरे आसपास क्या हो रहा है, मैं अपनी ही दुनिया में रहता हूं।”
33 वर्षीय बल्लेबाज़ ने युवा विकेटकीपर रिषभ पंत का भी बचाव किया जिनका विकेट के पीछे प्रदर्शन निराशाजनक रहा। उन्होंने कहा,“वह युवा खिलाड़ी हैं और उन्हें समय दिया जाना चाहिये। महेंद्र सिंह धोनी से उनकी तुलना ठीक नहीं है क्योंकि वह बहुत अनुभवी हैं और बहुत मैच खेल चुके हैं।”
उन्होंने कहा,“उनकी स्टम्पिंग से मैच पर असर पड़ सकता था, लेकिन फिर स्थिति हमारे हाथों से निकल गयी और मैच में आद्रता की भी बड़ी भूमिका रही।” भारत और आस्ट्रेलिया अब पांच मैचों की सीरीज़ में 2-2 की बराबरी पर है और पांचवां मैच निर्णायक हो गया है जिसका फैसला दिल्ली में 13 मार्च को होगा।