अजमेर। बांग्लादेश से आए जायरीन के जत्थे ने आज अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 807वें उर्स के मौके पर दरगाह में जियारत की।
जत्थे में आए जायरीन ने ख्वाजा साहब की बारगाह में हाजिरी लगाकर मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए। अब्दुल रज्जाक के नेतृत्व में आए जत्थे में साढ़े तीन सौ से अधिक जायरीन को खादिम सैयद नदीम चिश्ती के नेतृत्व में जियारत कराई।
चादर पेश करने के बाद रज्जाक ने इस चादर को बांग्लादेश हुकूमत एवं आवाम की चादर करार देते हुए कहा कि उर्स के मौके पर बांग्लादेशियों की ओर से हर वर्ष चादर पेश की जाती है और हमने यहां दोनों मुल्कों में और ज्यादा बेहतर रिश्ते कायम होने तथा दोनों मुल्कों में अमन चैन, सुख शांति एवं खुशहाली का माहौल बना रहने की दुआ की।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से भारत आने वालों के लिए वीजा की कोई समस्या नहीं है। ये तो पाकिस्तान की ओर से वीजा नहीं मिलने की अफवाह को उड़ाया जा रहा है। खादिम सैयद नदीम चिश्ती ने जायरीन को जियारत कराने के बाद उनकी दस्तारबंदी कर तवर्रुक भेंट किया।
100 सदस्यों के शिष्टमंडल ने की दरगाह जियारत
बांग्लादेश से 100 सदस्यों का एक शिष्टमंडल नारायणगंज की मेयर आईबी रहमान के नेतृत्व में अजमेर आया। शिष्टमंडल के सदस्यों ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की ज़ियारत की एवं अक़ीक़त के फूल पेश कर मखमली चादर चढ़ाई। शिष्टमंडल में सुप्रीम कोर्ट के अटॉर्नी जनरल डॉ शाहीदुल इस्लाम, वकील असुधज़मान, बांग्लादेश होजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष जहांगीर आलम, दीपू चौधरी, अबु सुफियान समेत अन्य लोग शामिल थे।
सभी ने ख्वाजा साहब की मजार पर अक़ीक़त के फूल और चादर पेश कर देश के अमन, शांति और तरक्की के लिए दुआ की साथ ही प्रधानमंत्री शेख हसीना और बांग्लादेश के आवाम के लिए सुख, शांति, अमन, चैन के लिए दुआ की। दोनों देश के रिश्तों में और अच्छे तालुकात बने उसकी दुआ की।
शिष्टमंडल के सभी सदस्यों को हाजी सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती और सैयद नज्जुमुद्दीन चिश्ती वली मंज़िल वालों ने ज़ियारत कराई। सभी की दस्तारबंदी कर तबर्रुक भेट किया गया।