अजमेर। देश में आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजस्थान के अजमेर में चुनावी गतिविधियां तेज हो गई है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने के दावेदार टिकट पाने की जुगत में लग गए हैं।
अजमेर संसदीय क्षेत्र का चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहां गतवर्ष जनवरी में उपचुनाव हुए थे और कांग्रेस के डॉ. रघु शर्मा संसदीय क्षेत्र की सभी आठों विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाकर विजयी रहे थे।
लेकिन इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में यहां बाजी लगभग पलट गई और कांग्रेस केवल दो सीटों केकड़ी एवं मसूदा से ही अपनी सीट निकाल पाई। शेष छह पर भाजपा के विधायक जीतकर सामने आए। यही कारण है कि दोनों दल टिकट वितरण में पूरे मंथन के साथ फूंक फूंककर कदम रख रहे हैं।
अजमेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के जो दावेदार सामने है उनमें स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी के तौर पर केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी का नाम भी लिया जा रहा है। इनके अलावा राज्य की पूर्व मंत्री एवं विधायक किरण माहेश्वरी एवं विधायक सतीश पुनिया के नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा स्थानीय नेताओं में भागीरथ चौधरी, प्रो. बीपी सारस्वत, शिवशंकर हेडा, पुखराज पहाड़िया, डॉ. दीपक भाकर, बच्चू सिंह बैंसला भी टिकट हासिल करने के लिए भागदौड़ कर रहे है।
कांग्रेस से भी बाहरी नेता के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरजा व्यास एवं गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला का नाम सामने आया है। स्थानीयों में सबसे मजबूत दावा अजमेर डेयरी के सदर रामचंद्र चौधरी का है जो पिछले पच्चीस वर्षों से डेयरी के माध्यम से पूरे जिले में पकड़ बनाए हुए है। अन्यों में डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, रामस्वरूप चौधरी, देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम भी लिया जा रहा है।
इस बार जिले में माली बहुल मतदाता की बात कहकर कांग्रेस के पिछडा वर्ग प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष महेश चौहान भी टिकट पाने की जुगत में लगे हैं तथा पार्टी के आला नेताओं को अपनी दावेदारी से अवगत करा दिया है। वहीं बीजेपी नेता एवं महापौर धर्मेन्द्र गहलोत भी समर्थकों के बूते अपने पक्ष में महौल बना रहे हैं। हालांकि अधिकारिक रूप से दोनों ही नेताओं ने अपना दावा खुलकर नहीं जताया है, लेकिन सोशल मीडिया में इन दोनों के समर्थकों की सक्रियता बनी हुई है।
उधर, जिला निर्वाचन कार्यालय भी सक्रिय हो गया है और विभिन्न राजनीतिक दलों एवं मीडिया के साथ आदर्श आचारसंहिता के प्रभावी पालन के लिए बैठकों का दौर शुरु हो गया है।