अजमेर। अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के उर्स में आए जायरीन की जान दांव पर है। पुलिस के खुले संरक्षण में अवैध टैक्सी चालक बेधड़क जायरीन की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। तारागढ़ और सरवाड़ रूट पर दौड़ रही खटारा गाड़ियां पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग की मिलीभगत की पोल खोल रही है।
अजमेर आने वाले अधिकांश जायरीन ख्वाजा साहब के साहबजादे ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हाजिरी देने सरवाड़ शरीफ और तारागढ़ स्थित मीरां साहब की दरगाह में जियारत करने जाते हैं। इसके लिए बड़े पैमाने पर टाटा सूमो और मारुति वैन दौड़ रही हैं। लगभग सभी गाड़ियां बिना फिटनेस की हैं।
खास बात यह भी है कि अजमेर-सरवाड़ के बीच दौड़ रही मारुति वैन में ज्यादातर तो टैक्सी नम्बर की भी नहीं हैं। वैन में दस सवारियां और सूमो में 15 सवारियां ठूंस-ठूंसकर भरी जा रही हैं। डिग्गी चौक और दौलत बाग के पास से प्राइवेट नम्बरों की गाड़ियों में जायरीन भरे जा रहे हैं। वहां तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को सब पता है लेकिन सभी उर्स कमाने के चक्कर में बिजी हैं।
अंधाधुन दौड़ा रहे
अजमेर-सरवाड़ और तारागढ़ के बीच संचालित इन अवैध वाहनों के चालक ज्यादा से ज्यादा चक्कर करने के लिए बेतहाशा स्पीड में वाहन दौड़ाते हैं। कई चालकों के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस हैं ना गाड़ी के कागजात। प्राइवेट नम्बरों की कई गाड़ियां तो उर्स कमाने के लिए हाल ही मंगवाई गई हैं।
मिलीभगत से जबरदस्त कमाई
अजमेर-सरवाड़ और तारागढ़ के बीच दौड़ रहे इन वाहनों में से ज्यादातर वाहन खुद पुलिस महकमें से जुडे लोगों के ही हैं। कमाई में से कमीशन की बंदरबांट की जाती है। इस कारण किसी भी थाने की पुलिस और परिवहन विभाग के उड़नदस्ते इन गाड़ियों को रुकवाने की हिम्मत नहीं दिखाते हैं। पुलिस के आला अफसरों को इतनी फुर्सत नहीं है कि वे जायरीन की जान से हो रहे खिलवाड़ पर रोक लगाए।
हो चुके कई हादसे
अजमेर से सरवाड़ के बीच आए दिन हादसे होते हैं। हादसा गम्भीर हो तो वाहन चालक अपना वाहन छोड़कर ही फरार हो जाता है। पिछले दिनों एक मारुति वैन जलकर नष्ट हो गई थी। हादसे में कई सवारियां भी जख्मी हुई थीं। गाड़ी मालिक का पता नहीं लगाया गया। ज्यादातर गाड़ियां 25-30 हजार में खरीदी गई होती हैं। अगर ज्यादा विवाद या बड़ा हादसा हुआ तो वाहन चालक गाड़ी छोड़कर चंपत हो जाता है।