नयी दिल्ली । कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी झूठ बोलकर मोदी सरकार की पांच साल की नाकामयाबियों को छिपाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जमीन विवाद में फंसाकर बदनाम करने का प्रयास कर रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि आम चुनाव में देश के समक्ष मौजूद बेरोजगारी, किसानों की समस्या, आर्थिक बदहाली, भ्रष्टाचार तथा समाज में बढी अहिष्णुता जैसे सवालों का भाजपा के पास जवाब नहीं है इसलिए सवालों पर पर्दा डालकर लाेगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मनगढंत आरोप लगाए जा रहे हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि गांधी ने तीन मार्च 2008 को हरियाणा में पलवल के हसरपुर गांव में करीब छह हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। इस जमीन की कीमत 26 लाख 47 हजार रुपए थी और इस पूरी राशि का भुगतान चेक से किया गया था। इस जमीन से जुड़ी स्टाम्प ड्यूटी भी नियमानुसार दी गयी।
उन्होंने कहा कि बाद में यानी 26 जुलाई 2012 को गांधी ने यही जमीन अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को उपहार दी। इसके लिए एक लाख 93 हजार 700 रुपए रजिस्ट्री फीस भी भरी गयी। वाड्रा ने 12 अगस्त 2014 को यह जमीन एक आध्यात्मिक संस्था विपासना साधना संस्थान को दान कर दी।
प्रवक्ता ने कहा कि गांधी ने यह जमीन अपनी कमाई से खरीदी थी और चेक से इसका भुगतान किया था। उन्होंने सवाल किया कि गांधी ने अपनी कमाई से खरीदी गई इस जमीन को उन्होंने अपनी बहिन को उपहार में दे दिया तो इसमें गलत कहां हुआ।
इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि हाल में एक खुलासा हुआ है जिसमें कहा गया है कि गांधी ने हरियाणा के एच.एल.पाहवा से जमीन खरीदी है। पाहवा रक्षा सौदों के दलाल संजय भंडारी के नजदीकी सी.सी. थंपी का कर्मचारी है। इस खुलासे से साफ हो गया है कि भंडारी के संबंध गाँधी से भी हैं।