अजमेर। विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज के 807वां उर्स में आए अकीदतमंद बड़े कुल की रस्म होने के बाद लौटने लगे हैं। लेकिन ख्वाजा के दीवानों के आने का सिलसिला अब भी बना हुआ है।
सोमवार को मुम्बई से आए 15 सदस्यों के दल ने सूफी संत ख्वाज़ा गरीब नवाज़ की दरगाह में चांदी का ताज पेश किया। इन सभी जायरीन को खादिम सयद शाकिर अली चिस्ती ने जियारत करवाई और तबर्रुक भेंट किया।
चांदी का ताज जुलूस के रूप में देहली गेट से निजाम गेट तक लाया गया। चांदी का यह ताज करीब आधा किलो का है। पिछ्ले 15 सालों से अजमेर आ रहे मुंबई के जायरीन ने मन्नत पूरी होने पर चांदी का ताज पेश किया है।