नई दिल्ली। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दलों ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर पुराने नोट बदलने का आरोप लगाया और कहा कि नोटबंदी एक ‘देशद्रोह’ थी जिसमें सरकारी खजाना लूटा गया था।
विपक्षी दलों ने यहां एक संयुक्त संवादददाता सम्मेलन में एक वीडियो टेप जारी किया और कहा कि नोटबंदी के जरिए जनता का पैसा लूटा गया था। भाजपा नेताओं ने निर्धारित समय सीमा के बाद भी पुराने नोटों को नये नोटों में बदला है और इसके लिए 40 प्रतिशत तक ‘कमीशन’ लिया गया है। टेप में भाजपा के अहमदाबाद कार्यालय में कुछ लोगों को पांच लाख रुपए के पुराने नोटों को 40 प्रतिशत कमीशन के साथ बदलते दिखाया गया है।
संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सिंह सुरजेवाला, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा तथा अन्य दलों के नेता माैजूद थे।
उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को पांच सौ रुपए और एक हजार रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा कर दी और पुराने नोटों को नए नोटों में बदलने का समय 31 दिसंबर 2018 तय कर दिया।
सिब्बल ने दावा किया कि जारी किया गया टेप 31 दिसंबर 2018 के बाद का है जिसमें भाजपा के अहमदाबाद कार्यालय में कारोबारी अपने नोट बदलवाने के लिए आ रहे हैं। ये मेहनत की कमाई है और उनका पैसा 40 प्रतिशत कमीशन लेकर बदला जा रहा है।
उन्होेंने कहा कि यह टेप में दिखाई गई “नोटों की दीवार” सरकारी धन की है। यह भारतीय रिजर्व बैंक का धन हैं। सरकारी खजाना है जो कोई लूट रहा है। वास्तव में नोटबंदी के जरिए सरकारी खजाना लूटा गया है। इसके लिये कोई भी सजा कम है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी से वास्तव में भाजपा के लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि जनता को सच जानना चाहिए और ‘चौकीदार’ तथा ‘चोर’ में अंतर करना चाहिए।
आजाद ने कहा कि नोटबंदी से देश के उद्योग धंधे बंद हो गये। भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। एक ओर भाजपा के नेता पुराने नोट बदलने का धंधा कर रहे थे तो आम लोग बैेंकों के सामने लाइनों में लगकर मर रहे थे।
एक सवाल पर मनोज झा ने कहा कि मौजूदा सरकार से नोटबंदी के दौरान हुई गडबडियों की जांच करने की अपेक्षा करना बेमानी है। इससे जांच की मांग नहीं की जा सकती।