झुंझुनुं। भारतीय जनता पार्टी की निवर्तमान सांसद ने अपना टिकट काटने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह उसी झुंझुनू जिले की महिला है, जहां के लोग झूकना नहीं, जूझना जानते हैं।
अहलावत ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि जो लोग इस इंतजार में थे कि वह भाजपा छोड़कर किसी दूसरी जगह जा रही हैं, वे घी के दिए अभी न जलाएं और अच्छे दिन आने का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि वह रिकॉर्ड मतों से जीतीं थी और उनका प्रदर्शन भी अच्छा था।
बिना किसी विरोध के बावजूद उनका टिकट काटा गया। यह सवाल उनके मन में ही नहीं, बल्कि हर उस भाजपा कार्यकर्ता के मन में है, जो मेरे कार्य से खुश था और वो चाहता था कि देश में फिर से नरेंद्र मोदी के हाथ में कमान हो और झुंझुनू का प्रतिनिधित्व संतोष अहलावत करें।
अहलावत ने कहा कि वह 35 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रही हैं। खून-पसीने से पार्टी को सींचा है और हर परिस्थितियों में पार्टी के साथ खड़ी रही हैं। यह भी सच है कि जब मैंने टिकट नहीं मांगा, तब तो मुझे पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन अब जब मैं अपने अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए एक मौका और मांग रही थी तो पार्टी ने मेरा टिकट काट दिया।
लेकिन फिर भी उन्हें खुशी होगी कि जो भी सांसद अब झुंझुनुं का प्रतिनिधित्व करेे, वह यमुना नहर का पानी और एनसीआर जैसे मसलों पर अधूरा काम पूरा कर झुंझुनू को नई सौगातें देे।
इस अवसर पर पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, सभापति सुदेश अहलावत, बुहाना प्रधान कविता यादव, गुढ़ागौडज़ी कृषि उपज मंडी समिति अध्यक्ष सुमन खेदड़, सूरजगढ़ चेयरमैन सुरेंद्र चेतीवाल सहित जनप्रतिनिधि और भाजपा पदाधिकारी मौजूद थे।
इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक पहुंचे और उनसे चुनाव लड़ने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। तब सांसद अहलावत ने उन्हें शांत कराया और कहा कि वह पार्टी के साथ दगा नहीं कर सकतीं। हमें अच्छे दिनों का इंतजार करना है।