वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि अगर मैक्सिको, शरणार्थियों के अवैध प्रवेश को नहीं रोकता है तो अमेरिकी-मैक्सिको सीमा को सील कर दिया जायेगा।
ट्रम्प ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान मैक्सिको पर आरोप लगाया कि वह दक्षिण सीमा से आने वाले शरणार्थियों को नहीं रोक रहा है। उन्होंने कहा,“ अगर मैक्सिको उन्हें नहीं राकेगा तो हम सीमा को बंद कर देगें। हम इस सीमा को बंद कर देंगे और लंबे समय तक बंद रखेंगे। मैं कोई खेल नहीं खेल रहा हूं।” राष्ट्रपति का यह बयान एक स्प्ताह पहले ट्विटर पर मैक्सिको को इस संबंध में चेतावनी देने के बाद आया है।
उन्होंने ट्वीट किया था,“अगर मैक्सिको दक्षिणी सीमा से आने वाले सभी शरणार्थियों को तत्काल नहीं रोकता है तो मैं अगले सप्ताह सीमा को बंद कर दूंगा अथवा सीमा के एक बड़े हिस्से को सील कर दिया जायेगा।” ट्रम्प के चेतावनी के बाद मैक्सिको के विदेश सचिव मारसेलो ईब्रार्ड ने एक बयान जारी करके कहा कि मैक्सिको धमकियों से डरने वालों में नहीं है। वह धमकियों के भय से काम नहीं करता है।
ट्रम्प मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के वादे के साथ वर्ष 2016 में राष्ट्रपति के चुनाव मैदान में उतरे थे। अपना यह वादा पूरा करने की दिशा में उन्होंने कदम भी बढ़ाया लेकिन इसके निर्माण के वास्ते कांग्रेस से उन्हें अरबों डॉलर की मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद वह पिछले साल के अंत से इस सीमा को बंद करने की लगातार धमकी देते रहे हैं।
म्प ने पिछले साल लातिन अमेरिकी देशों अल साल्वाडोर, होंडुरास और ग्वाटेमाला से 5,000-7,000 के बीच शरणार्थियों का काफिला अमेरिका की ओर बढ़ने का दावा करते हुए दक्षिण-पश्चिम सीमा पर सेना तैनात की थी।
इसके बाद उन्होंने मैक्सिको की सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए अरबों डॉलर की अपनी मांग को लेकर फरवरी में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी थी। इस घोषणा के तहत उन्होंने नई दीवार के आंशिक निर्माण की शुरुआत के लिए नशा-विरोधी अभियान के लिए आवंटित धन का उपयोग करने का निर्देश दिया था।
हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय (पेंटागन) ने संसद को बताया कि उसने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर नई दीवार के निर्माण के लिए एक अरब डॉलर के हस्तांतरण की मंजूरी दे दी है। डेमोक्रेटिक नेताओं ने हालांकि, इसका विरोध किया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार दक्षिणी सीमा पर 57 मील लंबी फेंसिंग, सड़कें सुधारने और अन्य कदम उठाने के लिए एक अरब डॉलर दिए जाएंगे।