नयी दिल्ली । राजधानी की एक अदालत ने धनशोधन मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राॅबर्ट वाड्रा और उनके करीबी मनोज अरोड़ा को सोमवार को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी।
पटियाला हाउस अदालत ने वाड्रा को अपना पासवोर्ट जमा कराने और बगैर उसकी अनुमति के देश छोड़कर बाहर न जाने की शर्त पर जमानत दी। दोनों को पांच-पांच लाख के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत दी गयी है।
अदालत ने वाड्रा और अरोड़ा को निर्देश दिया है कि वे जांच में सहयोग तो करेंगे तथा सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे एवं गवाहों को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेंगे। अदालत ने गत 28 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछली सुनवाई के दौरान वाड्रा की अग्रिम जमानत का विरोध किया था। ईडी की दलील थी कि उसे वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी है। उसने कहा था कि उसके पास वाड्रा के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। वाड्रा के खिलाफ गंभीर आर्थिक अपराध का मामला है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई वाड्रा पर लंदन स्थित 12, ब्रायंस्टन स्क्वायर में 19 लाख पाउंड में संपत्ति की खरीद में धनशोधन का आरोप है। दिल्ली की अदालत ने 27 मार्च तक उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया हुआ था। वाड्रा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने उनके खिलाफ सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि अदालत द्वारा दी गई आजादी का उन्होंने गलत इस्तेमाल नहीं किया है।