नई दिल्ली। वर्षों से लटके महिला आरक्षण विधेयक को कांग्रेस ने सत्ता में आने पर लोकसभा के पहले ही सत्र में पारित कराने का वादा किया है ताकि लोकसभा और विधानसभाओं में उनके लिए 33 प्रतिशत स्थान आरक्षित किए जा सकें। इसके साथ ही पार्टी ने केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने का भी वादा किया है।
कांग्रेस के 2019 के आम चुनाव के लिए मंगलवार को यहां जारी घाेषणा पत्र में कहा है कि केंद्र में पार्टी की सरकार बनने पर 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में और राज्य सभा में संविधान संशोधन विधेयक पारित करवाकर संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
पार्टी ने केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतशित आरक्षण देने का भी वादा किया है। उसने कहा है कि कि केन्द्र सरकार के सेवा नियमों में संशोधन करके केन्द्रीय नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
समान पारिश्रमिक अधिनियम को प्रभावी ढ़ंग से लागू किया जायेगा और महिलाओं तथा पुरुषों को समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित करने के सभी संबधित कानूनों की समीक्षा करेंगे।
कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन अधिनियम 2013 की व्यापक समीक्षा कर इस अधिनियम को सभी कार्यस्थलों तक विस्तारित करने, महिला उत्पीडन के किसी भी रूप को समाप्त करने, महिला एवं बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की जांच के लिए अलग जांच एजेंसी स्थापित करने के वास्ते एक मॉडल कानून पारित करेगी तथा राज्य सरकारों से भी इसी मॉडल कानून की तर्ज में कानून बनाने का आग्रह करगी।
पार्टी ने यह भी कहा है कि महिलाओं को रात की पाली में काम करने से प्रतिबंधित करने वाले कानून के प्रावधान को रदद् किया जाएगा और प्रत्येक विशेष आर्थिक क्षेत्र में कार्यरत श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कामकाजी महिलाओं के वास्ते सुरक्षित छात्रावास और सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
प्रवासी महिला श्रमिकों के लिए पर्याप्त रैन बसेर बनाकर कस्बों और शहरों में महिलाओं के लिए स्वच्छ एवं सुरक्षित शौचालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों और कॉलेजों में सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी।