जयपुर । राजस्थान में आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर से अपनी चुनावी प्रतिष्ठा कायम करने के लिए तेरह नये चेहरों पर दांव खेला हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने राजनीतिक प्रभुत्व को बरकरार रखने के लिए अब तक घोषित अपने तेईस उम्मीदवारों में सोलह मौजूदा सांसदों पर पुन: भरोसा जताते हुए केवल सात नये चेहरे चुनाव मैदान में उतारे हैं।
कांग्रेस ने इस बार जिन नये चेहरों को मौका दिया है, इनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत जोधपुर से, कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक विजेता एवं चुरु जिले के सादुलपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी विधायक कृष्णा पूनिया जयपुर ग्रामीण, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल जयपुर, रतन देवासी जालोर, पांच बार विधायक रहे श्रवण कुमार झुंझुनूं, पुलिस अधिकारी रहे मदन गोपाल मेघवाल बीकानेर, विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी सविता मीणा दौसा, संजय कुमार जाटव करौली-धौलपुर, अभिजीत जाटव भरतपुर, उद्योगपति रिज्जु झुनझुनवाला अजमेर, विधानसभा का चुनाव लड़ चुके देवकीनंदन गुर्जर राजसमंद, रामपाल शर्मा भीलवाड़ा तथा प्रमोद शर्मा झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
पिछली बार के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव हारने वाली कांग्रेस इस बार ग्यारह पूर्व सांसदों पर भरोसा जताया है जबकि चुरु से वर्ष 2009 में पार्टी प्रत्याशी रहे रफीक मंडेलिया को भी फिर चुनाव मैदान में उतारा है। पूर्व सांसदों में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये सुभाष महरिया सीकर से फिर अपने चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। श्री महरिया वर्ष 1998, 1999 एवं 2004 में भाजपा उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे। इसी तरह वर्ष 1996, 1999 एवं 2009 में कांग्रेस सांसद रहे ताराचंद भगोरा बांसवाड़ा से फिर चुनाव मैदान में उतरे है।
इसी तरह वर्ष 2004 एवं 2009 में सांसद रहे नमोनारायण मीणा को फिर टोंक-सवाईमोधोपुर एवं वर्ष 2009 में सांसद रहे बद्रीजाखड़ को पाली, रघुवीर मीणा को उदयपुर, ज्योति मिर्धा को नागौर, भंवर जितेन्द्र सिंह को अलवर एवं गोपाल सिंह ईडवा को चित्तौड़गढ तथा वर्ष 1998 में सांसद रहे रामनारायण मीणा को कोटा एवं वर्ष 2004 में लोकसभा पहुंचे मानवेन्द्र सिंह को बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया हैं।
उधर अब तक अपने पूरे उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई भाजपा ने घोषित तेईस उम्मीदवारों में सोलह मौजूदा सांसदों पर फिर भरोसा जताया है, जिनमें केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह जोधपुर, पी पी चौधरी पाली, अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर ग्रामीण, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराजे के पुत्र एवं सांसद दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां, रामचरण बोहरा जयपुर, देवजी पटेल जालौर, चन्द्रप्रकाश जोशी चित्तौड़गढ, सुखवीर सिंह जौनपुरिया टोंक-सवाईमाधोपुर, ओम बिड़ला कोटा, सुमेधानंद सरस्वती सीकर, निहालचंद गंगानगर, राहुल कस्वां चुरु, सुभाष बहडिया भीलवाड़ा, मनोज राजौरिया करौली-धौलपुर एवं उदयपुर से अर्जुन लाल मीणा फिर चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें श्री निहालचंद एवं दुष्यंत सिंह ही ऐसे दो उम्मीदवार है जिनके पास जीत का चौका लगाने का अवसर हैं जबकि देवजी पटेल, अुर्जन मेघवाल एवं सुभाष बहड़िया जीत की तिकड़ी बनाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे है।
भाजपा ने जिन सात नये चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है उनमें अलवर से बाबा बालकनाथ, अजमेर से पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी, झुंझूनूं से विधायक नरेन्द्र खींचड़ तथा बांसवाड़ा से पूर्व राज्यसभा सदस्य कनकमल कटारा, राजसमंद से दीया कुमारी, बाड़मेर-जैसलमेर कैलाश चौधरी एवं भरतपुर से रंजीता कोली शामिल हैं। भाजपा इस बार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ गठबंधन किया है और वह चौबीस सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। वह नागौर सीट पर रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल के लिए छोड़ दी जबकि भाजपा की दौसा सीट पर अभी उम्मीदवार की घोषणा होना शेष है।