नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह राफेल सौदे को लेकर झूठे बयान देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। पार्टी ने गांधी पर आरोप लगाया है कि संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा तार तार करना उनकी आदत बन गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया कि उन्होंने झूठ क्यों बोला और अपने झूठ के लिए उच्चतम न्यायालय को आधार क्यों बनाया। उन्होंने कहा कि गांधी ने पहली बार ऐसा नहीं किया है। उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं, मुख्य चुनाव आयुक्त पर हमला बोला है। केन्द्रीय सर्तकता आयोग हो या नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, सभी संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा तार तार करना उनकी आदत बन गई है।
प्रसाद ने कहा कि गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा एवं मित्र आरोप लगाते हैं कि मोदी के कार्यकाल में संविधान को समाप्त किया जा रहा है। वह बताएं कि कौन संविधान की खिल्ली उड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करती है कि चुनाव आयोग गांधी की टिप्पणी को संज्ञान में लेकर समुचित कार्रवाई करे।
उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि राजनीतिक विरोधियों पर झूठे आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने फैसले से साफ कर दिया है कि गांधी ने 10 अप्रेल को राफेल मामले में अदालत के हवाले से झूठ बोला था।
कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा गांधी के 10 अप्रेल के बयान को गलत ढंग से उद्धृत किए जाने की दलील को खारिज करते हुए प्रसाद ने कहा कि देश के जवानों की शहादत के सबूत मांगने वाली कांग्रेस अपने नेता के सबूत से पीछा छुड़ा कर भाग रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बहुत हताश हैं और उनकी पार्टी घबराई हुई है। हार देख कर वह पार्टी के कैडर को संभाल नहीं पा रहे हैं।
इससे पहले केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राफेल को लेकर साथ साबित हो गया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए सोच-समझ कर बदमाशी कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष को यह झूठ बोलने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी रोज़ झूठ बोलते हैं। उच्चतम न्यायालय ने आज उनके एक झूठ का पर्दाफाश किया है।
गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत में राफेल के सौदे से जुड़े कागजों को साक्ष्य के रूप में स्वीकार करने के बारे में निर्णय लिया था लेकिन गांधी ने अमेठी में नामांकन के समय बयान दिया कि उच्चतम न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 हजार करोड़ रुपए अनिल अंबानी को दे दिए हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा कि उसने यह बात किसी भी मौके पर नहीं कही है। अदालत ने केवल कागजातों की ग्राह्यता पर विचार किया था। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च अदालत की इस टिप्पणी से साफ़ हो गया है कि गांधी जान-बूझकर प्रधानमंत्री को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश के तहत बदमाशी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने गांधी से 22 अप्रेल तक जवाब मांगा है लेकिन देश आज ही उनसे जवाब मांग रहा है। गांधी को अपने झूठ के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी ने सबसे बड़ी गलती यह की है कि उन्होंने उच्चतम न्यायालय के कंधे पर रखकर बंदूक चलायी है। इस हरकत से गांधी की ओछी राजनीति पूरी तरह से बेनकाब हो गई है।