इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ की न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर ने बुधवार को एक 23 सप्ताह के असामान्य शिशु को अपने गर्भ में पाल रही महिला को गर्भपात कराने की मंजूरी दे दी है।
आर्थिक रूप से कमजोर महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक याचिका दायर कर अदालत से प्रार्थना की थी कि उसके गर्भ में पल रहे असामन्य शिशु के गर्भपात की मंजूरी दी जाए।
याची महिला के अधिवक्ता आकाशदीप शुक्ला के अनुसार याचिका में पीड़िता के स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत कर अदालत को बताया गया था कि गर्भ में पल रहा असामान्य शिशु अविकसित है। जिसके जन्म लेने से पीड़िता की जान को खतरा हो सकता है।
अधिवक्ता के अनुसार अदालत ने मामले की इसके पहले सुनवाई करते हुए एक महिला प्रसूति विशेषज्ञ चिकित्सक की अगुवायी में एक समिति गठित कर गर्भवती महिला की जांच कर रिपोर्ट तलब की थी। अदालत के समक्ष जांच समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति अदालत ने दे दी है।