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Randeep Surjewala calls pm Modi worked as agent of his friend in Rafael - प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल में अपने मित्र के एजेंट के तौर पर काम किया: रणदीप सुरजेवाला - Sabguru News
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प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल में अपने मित्र के एजेंट के तौर पर काम किया: रणदीप सुरजेवाला

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प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल में अपने मित्र के एजेंट के तौर पर काम किया: रणदीप सुरजेवाला
Randeep Surjewala calls pm Modi worked as agent of his friend in Rafael
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नयी दिल्ली । कांग्रेस ने फ्रांस के एक अखबार में उद्योगपति अनिल अंबानी की एक कंपनी को कर देनदारी में भारी छूट देने संबंधी रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या उन्होंने अपने मित्र ‘एए’ के एजेन्ट के तौर पर काम किया।

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फ्रांस के जाने- माने अखबार ‘ले मोंडे’ में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि फ्रांस सरकार ने उद्योगपति अनिल अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस अटलांटिक फ्रांस की 143 मिलियन यूरो की कर देनदारी को कम कर केवल 7.6 मिलियन यूरो कर दिया है। उन्होंने कहा कि अखबार ने लिखा है कि यह छूट भारत द्वारा फ्रांस से उडने की हालत में तैयार 36 विमान खरीदने के ऐलान के 6 महीने बाद दी गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह छूट राफेल सौदे के एवज में ‘एए’ के एजेन्ट की मदद से दी गयी है।

उन्होंने कहा कि हमेशा यह पूछा जाता था कि राफेल सौदे में पैसे के लेने-देन की कहीं कोई बात नहीं दिखाई देती। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम में पांच तारीखों पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि इससे लेन-देन की बात स्पष्ट हो जाती है। सबसे पहले 23 मार्च 2015 को अनिल अंबानी पेरिस में जाकर वहां के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और रक्षा मंत्री के सलाहकार से मुलाकात करते हैं।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे के ठीक 48 घंटे पहले 8 अप्रैल 2015 को विदेश सचिव सवालों के जवाब में बताते हैं कि प्रधानमंत्री फ्रांस दौरे में किसी विमान सौदे के बारे में कोई बात नहीं करेंगे। उस समय तक भारत का फ्रांस से 126 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा बरकरार था जिसके तहत हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को राफेल बनाने की प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की जानी थी।

सुरजेवाला ने कहा कि लेकिन मोदी 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में 126 राफेल की खरीद के सस्ते सौदे को कूड़े के ढेर में डालकर 36 राफेल विमान की खरीद की घोषणा कर देते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा हाेलांद 21 सितम्बर 2018 को कहते हैं कि उनकी सरकार के पास इस सौदे से एचएएल को बाहर कर अनिल अंबानी की कंपनी को शामिल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी इस बात को अभी तक नकारा नहीं गया है।

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने कहा कि मोदी सरकार ने यह सौदा बिना किसी सरकारी और बैंक गारंटी के किया और इसमें यह भी शर्त थी कि सौदे की कुल रकम का 75 फीसदी अग्रिम भुगतान के रूप में दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही भारत सरकार ने इस सौदे की अग्रिम राशि के तौर पर 75 फीसदी राशि का भुगतान किया उसके बाद 2017-18 में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एयरपोर्ट डिवलमेंट लिमिटेड में राफेल विमान बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन की ओर से 284 करोड़ रूपये का निवेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि रोचक बात यह है कि इस कंपनी को एयरपोर्ट बनाने का अनुभव नहीं है और इसका कुल टर्नओवर 5 लाख रूपये था तथा यह 10 लाख के घाटे में थी।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि घाटे में चल रही इस कंपनी में राफेल बनाने वाली डसाल्ट एविएशन ने निवेश क्यों किया। उसने रिलायंस का 10 रूपये का शेयर 1000 से 1100 रूपये में क्यों खरीदा। उन्होंने कहा कि इस समूचे घटनाक्रम से पैसे के लेन-देन का क्रम स्पष्ट हो जाता है।

रिलायंस एटलांटिक फ्रांस कंपनी की कर देनदारी माफ किये जाने के घटनाक्रम का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि 2007 से 2010 तक इसकी कर देनदारी 60 मिलियन यूरो थी जो 2012 में बढकर 151 मिलियन यूरो हो गयी। कांग्रेस नेता ने कहा कि फ्रांस के कर विभाग ने जब दबाव बनाया तो कंपनी ने कहा कि वह 7.6 मिलियन यूरो के कर का भुगतान करने में सक्षम है। कर विभाग ने इसे लेने से इंकार कर दिया। कांग्रेस नेता ने अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि लेकिन 36 राफेल विमानों का सौदा होने के 6 महीने के भीतर फ्रांस के कर विभाग ने कंपनी को भारी छूट देते हुए इसे मात्र 7.6 मिलियन यूरो में ही निपटा दिया।

सुरेजवाला ने आरोप लगाया कि ‘एए’ की कंपनी को कर में माफी देना और डसाल्ट एविएशन द्वारा ‘एए’ की घाटे में चल रही कंपनी में भारी निवेश करना ‘मोदी कृपा’ है और यह “मोदी है तो मुमकिन” के नारे के तहत ही हुआ है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘चौकीदार’ की चोरी हर रोज पकड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस सारे घटनाक्रम से सवाल खड़ा होता है कि क्या प्रधानमंत्री ने अपने मित्र ‘एए’ के एजेन्ट के तौर पर काम किया।