नयी दिल्ली । सऊदी अरब सरकार की ओर से भारत का हज कोटा दो लाख जायरीन किये जाने से आजादी के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार सहित देश के सभी बड़े प्रमुख राज्यों से सभी हज आवेदक ‘हज 2019’ पर जा रहे हैं।
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद हज कोटे में लगातार तीसरी बार बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 में भारतीय हज कोटा 1.70 लाख और 2018 में बढ़कर 1.75 लाख हो गया था। 2014 में भारत का हज कोटा एक लाख 36 हजार था जो बढ़ कर अब रिकॉर्ड दो लाख हो गया है।
नकवी ने कहा कि सऊदी अरब द्वारा भारत का कोटा बढ़ाये जाने से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, पंजाब, गोवा, मणिपुर, ओडिशा, पुड्डुचेरी, दादर एवं नागर हवेली, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, त्रिपुरा में वेटिंग लिस्ट क्लियर होने के कारण सभी आवेदक हज पर जाने से खुश और उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के हज मंत्रालय ने कल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत का हज कोटा दो लाख किये जाने के आश्वासन को अधिकृत रूप से घोषित कर दिया है।
नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार रिकॉर्ड दो लाख भारतीय मुसलमान बिना सब्सिडी के हज यात्रा 2019 पर जायेंगे जिनमें बिना ‘मेहरम’ (पुरुष रिश्तेदार) के हज पर जाने वाली 2340 मुस्लिम महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हज 2019 के लिए उत्तर प्रदेश से 34397, पश्चिम बंगाल से 8470, गोवा से 191, मणिपुर से 499, ओडिशा से 698, आंध्र प्रदेश से 2138, असम से 3588, बिहार से 4950, हिमाचल प्रदेश से 72, झारखण्ड से 2233, पंजाब से 342, त्रिपुरा से 110 आवेदन प्राप्त हुए थे। हज कोटा बढ़ाये जाने का नतीजा है कि यह सभी आवेदक हज 2019 पर जायेंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा हज की संपूर्ण प्रक्रिया को शत-प्रतिशत ऑनलाइन/डिजिटल करने से जहाँ एक ओर पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है वहीँ दूसरी ओर हज यात्रा सस्ती हुई जिससे भारत से हज पर जाने वाले लोगों को आसानी हुई है। हज प्रक्रिया में पारदर्शिता के चलते और बिचौलियों की भूमिका ख़त्म किये जाने से हवाई किराये में कमी आयी है।
इससे जहाँ पिछले वर्ष हज यात्रियों को 57 करोड़ रुपए की बचत हुई थी, वहीं इस वर्ष हज 2019 पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को पांच प्रतिशत कर दिया गया है जिससे हज 2019 पर जाने वाले हज यात्रियों को 113 करोड़ रुपए की बचत होगी। इसके अलावा सभी इम्बार्केशन पॉइंट्स से हज यात्रा के लिए हवाई किराये में कमी आएगी। इसके अलावा मदीने में लिये गये आवास पिछले साल के मुकाबले लगभग 100 रियाल कम पर लिए गये हैं जिससे भारत के प्रत्येक हाजी को लगभग 3000 रुपए की बचत होगी।