कोलंबो। ईस्टर के अवसर पर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में रविवार को तीन कैथोलिक चर्च और तीन पांच सितारा होटलों को निशाना बनाकर किए गए बम धमाकों में कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 500 लोग घायल हो गए।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका की राजधानी काेलंबो और अन्य शहराें में चर्चों और होटलों को निशाना बनाकर कुल छह धमाके किए गए। सुबह साढ़े आठ बजे से नौ बजे के बीच कोलंबो में कोच्चिकडे के सेंट एंथनी चर्च, कटुवापिटिया के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टीकालोआ के एक चर्च में सिलसिलेवार धमाके हुए।
इसके अलावा राजधानी कोलंबो के ही तीन पांच सितारा होटल शंगरी-ला, सिनामन ग्रैंड और किंग्सबरी में भी धमाके हुए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे की अध्यक्षता में आपात बैठक बुलाई गई है।
विक्रमासिंघे ने इन धमाकों की कड़ी निंदा करते हुए इस मुश्किल समय में लोगों से एकजुट होने तथा गलत सूचनाओं पर विश्वास नहीं करने और शांति बनाए रखने की अपील की है। इन धमाकों में कई विदेशी नागरिकों के भी मारे जाने और घायल होने की भी सूचना है। कोलंबो अस्पताल ने नौ विदेशी नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है।
सिलसिलेवार धमाकों के बाद शहर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
श्रीलंका के वित्त मंत्री मंगला समरवीरा ने ट्वीट किया कि चर्चों और होटलों में ईस्टर संडे बम धमाकों में निर्दोष लोग मारे गए हैं और ऐसा लगता है कि हत्या, अफरा तफरी और अराजकता फैलाने के लिए इसे बहुत व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया गया है।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्षी नेता महिंदा राजपक्षे ने धमाकों की निंदा करते हुए इसे अमानवीय करार दिया है। गौरतलब है कि ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं।