Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
Rahul Gandhi gets Supreme Court contempt notices over Rafale order comment-सुप्रीम कोर्ट का राफेल मामले में टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को नोटिस - Sabguru News
होम Breaking सुप्रीम कोर्ट का राफेल मामले में टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट का राफेल मामले में टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को नोटिस

0
सुप्रीम कोर्ट का राफेल मामले में टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को नोटिस

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने राफेल मामले में अदालत के फैसले पर टिप्पणी करने को लेकर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नोटिस जारी किया।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में गांधी और मीनाक्षी लेखी की ओर से दलीलें सुनने के बाद गांधी को नोटिस जारी किया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रेल को होगी।

उल्लेखनीय है कि गांधी ने राफेल मामले को लेकर शीर्ष अदालत में 14 दिसंबर को दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार करने के फैसले को लेकर उत्तर प्रदेेश के अमेठी में कहा था कि अदालत ने मान लिया है कि ‘चौकीदार (नरेंद्र मोदी) चोर है’। इस टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी नेता एवं नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने उच्चतम न्यायालय में गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया है।

गांधी ने अदालत द्वारा स्पष्टीकरण मांगने पर सोमवार को 19 पृष्ठों का हलफनामा दायर कर कहा था कि चुनावी सरगर्मी के कारण आवेश में आकर उन्होंने अदालती सुनवाई को लेकर टिप्पणी कर दी थी, जिस पर उन्हें खेद है।

गांधी ने अदालत को यह भी भरोसा दिया था कि वह अदालती कार्यवाही को लेकर भविष्य में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उन्होंने राजनीतिक विरोधियों द्वारा अपने बयान को गलत ढंग से इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया था।

शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को सर्वसम्मति से मोदी सरकार के उस दावे को खारिज कर दिया था जिसमें याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी तथा प्रशांत भूषण द्वारा इस मामले में अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों पर सुनवाई नहीं करने की अपील की थी।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार के ‘लीक हुए दस्तावेज’ पर सुनवाई नहीं की जाने वाली दलील को खारिज करते हुए कहा था कि इस याचिका पर वरीयता के आधार पर सुनवाई की जा सकती है।