बीजिंग। वैज्ञानिकों ने ऐसा पेसमेकर तैयार किया है जो बैट्री नहीं बल्कि दिल की धड़कन से चार्ज हो सकेगा। विज्ञान पत्रिका‘ नेचर कम्युनिकेशनंस’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार चीन और अमेरिकी वैज्ञानिकों की टीम ने यह पेसमेकर तैयार किया है और इसका सुअर पर सफल परीक्षण भी किया गया है।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार यह डिवाइस वर्तमान में माजूद पेसमेकर से छोटी लचीली और हल्की है। इसे आसानी से इंप्लांट किया जा सकता है। इसे ट्रिबोलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर के आधार पर डिजायन किया गया है जो दिल की धड़कन से ऊर्जा प्राप्त करता है और ऊर्जा को इलेक्ट्रिसिटी में तब्दील करके डिवाइस को क्रियाशील रखता है और लंबे समय तक चलता है।
चीन के साइंस एकेडमी के अंतगर्त आने वाले बीजिंग इस्टीट्यूट ऑफ नैनोइनर्जी एंड नैनोसिस्टम के अनुसंधानकर्ता ली झाउ ने बताया कि सुअर का दिल का आकार इंसान के दिल के बराबर होता है, इसलिए इस डिवाइस का परीक्षण इस प्राणी पर ही बेहतर था।
प्रोफेसर ली ने कहा कि सुअरों में इस डिवाइज को फिट किए जाने पर प्रत्येक कार्डियक मोशन चक्र में 0.495 माइक्रोजूल एनर्जी पाई गई जो पेसमेकर के लिए आवश्यक मनुष्यों के 0.377 माइक्रोजूल एनर्जी से अधिक है।
उन्होंने कहा कि इस डिवाइस का क्लीनिक परीक्षण होने के बाद ही इसकी सफलता की गारंटी की भविष्वाणी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारा इसे और हल्का तथा परिष्कृत बनाने का प्रयास होगा।