Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
No special hearing in BCCI CEO harassment case: Supreme Court-राहुल जौहरी के खिलाफ उत्पीड़न केस में विशेष सुनवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट - Sabguru News
होम Delhi राहुल जौहरी के खिलाफ उत्पीड़न केस में विशेष सुनवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट

राहुल जौहरी के खिलाफ उत्पीड़न केस में विशेष सुनवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट

0
राहुल जौहरी के खिलाफ उत्पीड़न केस में विशेष सुनवाई नहीं : सुप्रीम कोर्ट
No special hearing in BCCI CEO harassment case: Supreme Court
No special hearing in BCCI CEO harassment case: Supreme Court

नई दिल्ली। सर्वाेच्च अदालत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के खिलाफ शारीरिक उत्पीड़न मामले में विशेष सुनवाई करने से गुरूवार को इंकार कर दिया।

महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली समाजसेवी रश्मि नायर ने सर्वाेच्च अदालत में याचिका दायर कहा था कि बीसीसीआई के लोकपाल न्यायमूर्ति डीके जैन को जौहरी के खिलाफ लगे आरोपों की पुन: जांच करनी चाहिए।

उन्होंने दायर याचिका में कहा कि जौहरी ने जिस भी संगठन में काम किया वहां उनका बहुत ही दागदार इतिहास रहा है लेकिन शारीरिक उत्पीड़न के मामलों में वह हमेशा बच निकले।

याचिकाकर्ता ने अपील में यह जानकारी भी मांगी थी कि आखिरकार बोर्ड के हाल में नियुक्त लोकपाल को इस मामले की जांच क्यों नहीं सौंपी गई। उन्होंने इस मामले में उन तीन महिलाओं का जिक्र किया जिन्होंने जौहरी के खिलाफ आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा कि तीन महिलाओं ने जौहरी के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाए थे लेकिन किसी कारण से एक महिला ने खुद को मामले से अलग कर लिया। जब तीन सदस्यों के दल ने मामले की जांच की तो उनकी राय भी भिन्न पाई गई और जौहरी को इसका लाभ मिला और उन्हें निर्दोष करार दे दिया गया।

जौहरी के मामले की जांच में सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश शर्मा, बरखा सिंह और वीना गौड़ा शामिल थे जिसमें अकेले गौड़ा ने ही जौहरी को आरोपों का दोषी पाया जबकि बाकी दो सदस्यों ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।

इस समिति ने अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति को सौंपी थी जिसने इसे बीसीसीआई की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया था। याचिकाकर्ता नायर ने कहा कि जब जांच समिति के सदस्यों के बीच सहमति नहीं थी तो जौहरी को क्लीन चिट कैसे दे दी गई और न्यायमूर्ति जैन को इस मामले की दोबारा जांच करनी चाहिए।