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Rahul Gandhi says Modi watchman of Anil Ambani in Chaibasa - मोदीजी अनिल अंबानी के चौकीदार हैं: राहुल गांधी - Sabguru News
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मोदीजी अनिल अंबानी के चौकीदार हैं: राहुल गांधी

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मोदीजी अनिल अंबानी के चौकीदार हैं: राहुल गांधी
Rahul Gandhi says Modi watchman of Anil Ambani in Chaibasa
Rahul Gandhi says Modi watchman of Anil Ambani in Chaibasa
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चाईबासा । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति अनिल अंबानी समेत चुनिंदा लोगों के लिए चौकीदारी करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के आम लोगों की जेब से रुपये निकाल कर उन्हें अंबानी, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे चोरों को दे दिया।

गांधी ने आज यहां टाटा कॉलेज मैदान पर महागठबंधन उम्मीदवार गीता कोड़ा और चंपई सोरेन के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि खुद को देश का चौकीदार कहने वाले गरीब किसानों के घरों के बाहर नहीं मिलते, लेकिन वह अरबपतियों के घर के बाहर आसानी से मिल जाते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “मोदीजी अनिल अंबानी के चौकीदार हैं। अनिल अंबानी के घर के बाहर चौकीदारी करने वाले 15-20 लोगों की एक लाइन है। ” उन्होंने आरोप लगाया कि मोदीजी ने लोगों की जेब से रुपये चुरा कर इसे अंबानी, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे चोरों को दिए। गांधी ने हर हालत में आदिवासियों के हितों की रक्षा करने का वादा करते हुए कहा कि कहा कि यह कांग्रेस ही थी जिसने आदिवासियों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, आदिवासी बिल और पंचायती राज व्यवस्था दी। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसले के तहत बस्तर में अधिग्रहित की गई जमीन को पहली बार आदिवासियों को वापस कर दिया।

गांधी ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासियों की भूमि को उनकी सहमति के बिना अधिग्रहित नहीं किया जा सकता। यदि भूमि फिर भी ली जाती है तो बाजार दर से चार गुना से अधिक दाम देना होगा। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि कंपनी चाहे जो भी हो अम्बानी, टाटा या भले ही कंपनी अमेरीका या जापान की हो। यदि अधिग्रहित भूमि पर पांच साल के अंदर कोई उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है तो जमीन को लोगों को वापस करना होगा। उन्होंने बस्तर के उदाहरण का हवाला दिया जहां टाटा के परियोजना के लिए अधिगृहित की गई भूमि आदिवासियों को वापस कर दी गई क्योंकि प्रस्तावित परियोजना को पांच वर्ष में भी शुरू करने में विफल रही।

गांधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित किसी भी सरकार ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम के प्रावधानों का पालन कर आज तक कभी लोगों को उनकी भूमि वापस की है। उन्होंने कहा, “ मोदीजी अगली बार जब आप झारखंड आएं तो एक उदाहरण दें जहां भाजपा सरकार ने जमीन वापस कर दी हो।” उन्होंने तीखा हमला करते हुए कहा कि मोदीजी ने तो अपने गृह प्रदेश गुजरात में ही आदिवासियों की जमीन लूट कर उन्हें गरीब बना दिया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तीन मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी भूमि अधिग्रहण बिल को अस्वीकार करने की कोशिश की लेकिन यह कांग्रेस और उसके सहयोगी थे, जिन्होंने इस बिल की रक्षा की। जब मोदीजी ने महसूस किया कि आदिवासियों की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता है तो पिछले दरवाजे से उन्होंने अपने मुख्यमंत्रियों से बिल में बदलाव करने को कहा।

गांधी ने आरोप लगाया कि विमुद्रीकरण के नाम पर लोगों को उनके घरों और जेब से जबरन रुपये निकाले गये और उन्हें बैंक के बाहर कतार में घंटों खड़ा किया गया। लोगों की जेब से निकाले गये रुपये में से 30 हजार करोड़ अनिल अंबानी को, 35000 करोड़ रुपये मेहुल चोकसी को और 10,000 करोड़ रुपये विजय माल्या को मिले। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लिए मनरेगा का बजट 35,000 करोड़ रुपये है जिसका प्रधानमंत्री अक्सर मज़ाक उड़ाते हुए कहते हैं कि इस योजना से कांग्रेस ने देश में बड़ी खाई खोद दी है। मोदीजी को कम से कम गरीबों के बनाई गयी इस परियोजना का मजाक उड़ान से बचना चाहिए।