अजमेर। भारतीय सिन्धु सभा की ओर से प्रदेश के पहले 15 दिवसीय सिन्धी बाल संस्कार का शुभारंभ शनिवार को स्वामी सर्वानन्द विद्या मन्दिर में ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वरूपदास उदासीन, उद्योगपति व समाजसेवी गुरूमुखदास बत्रा, प्रधानाचार्या मनजीत कौर ने ईष्टदेव झूलेलाल, महाराजा दाहरसेन, मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया गया।
मुख्य अतिथि दीदी महेश्वरी गोस्वामी ने कहा कि ऐसे शिविरों के आयोजन से विद्यार्थियों को मातृ भाषा का ज्ञान होता है। मातृभाषा से हमें संस्कार मिलता और प्राचीनतम इतिहास सिन्धु घाटी सभ्यता व संस्कृति की पूर्ण जानकारी होती है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने कहा कि सभा के शिविर अब राजस्थान को जोडकर देश भर में आयोजित हो रहे हैं।
मंच का संचालन रूकमणी वतवाणी ने किया। स्वागत भाषण महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी व आभार अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी ने दिया। शिविर की गतिविधियों की जानकारी संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी व रमेश गागनाणी ने दी। प्रार्थना व शिविर गीत हर्षिता ठारवाणी, भाविका मोतियाणी, चंचल रामनाणी, हर्षा ढालाणी ने प्रस्तुत किया।
शिविर में अध्यापन कार्य में सुनीता भागचन्दाणी, प्रियंका पंजवाणी, भारती बच्चाणी, सीमा रामचंदाणी, कंचन ठकुर के साथ योगााभ्यास दौलतराम थदाणी एवं खेलकूद राम केसवाणी, मोहन टिलवाणी, श्याम लालवाणी संगीत कार्यक्रम घनश्याम भग्त ने करवाया।
सिन्धी विश्वविद्यालय बनाने के लिए संकल्पित : तीर्थाणी
इस अवसर पर सभा के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि सिन्धु सभा की ओर से 17 जून 2018 को जयपुर में आयोजित सिन्धु महाकुम्भ में केन्द्र सरकार से मांग की गई थी कि मान्यता प्राप्त भाषा होने के कारण सिन्धी विश्वविद्यालय का निर्माण करवाया जाए जिसे केन्द्र सरकार ने कार्यवाही भी प्रारम्भ कर दी है। विद्यार्थियों को भाषा व संस्कृति का ज्ञान बढाने के लिए सिन्धु शोधपीठ की गतिविधियों को निरंतर बढाने के साथ विश्वविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए।
शिविर में सभा के जिलामंत्री मोहन तुलस्यिाणी, एडवोकेट अशोक तेजवाणी, उपाध्यक्ष भगवान पुरसवाणी, रमेश वलीरामाणी, हरकिशन टेकचंदाणी, रमेश लख्याणी जयकिशन हिरवाणी, अजीत पमनाणी, खेमचन्द नारवाणी, दुर्गेश सोनी, नरेन्द्र सोनी, केजे ज्ञानी, कुन्दन वतवाणी सहित विभिन्न संगठनों के सेवाधारी उपस्थित थे।