दुमका। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो और दुमका से पार्टी के उम्मीदवार शिबू सोरेन ने आज कहा कि जब तक उनका जीवन है वह चुनाव लड़ते रहेंगे।
सोरेन ने अपने आवास के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि पता नहीं कब तक रहेंगे… जब तक ज़िंदा रहेंगे, लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुमका से चुनावी अखाड़े में चुनौती दे रहे उनके अपने शिष्य सुनील सोरेन से उनका कोई मतभेद नहीं हैं।
झामुमो सुप्रीमों ने कहा कि उन्हें सुनील के खिलाफ चुनाव लड़ने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि जब वह लोगों के बीच बात करेंगे और वह उन्हें बताएंगे कि इस इलाके के विकास के लिए क्या काम किया गया है तथा क्या करने की जरूरत है।
अब लोगों को यह तय करना है कि वे किसे चाहते हैं और वोट देते हैं। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य में विकास होने के बावजूद इसमें अभी काफी गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि विकास एक सतत प्रक्रिया है जो आगे भी जारी रहेगी।
सोरेन ने इस इलाके में मोदी लहर को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि दुमका में कोई मोदी-मोदी नहीं कह रहा है, बल्कि यह आप (मीडिया) जैसे है जो उनका नाम ले रहें हैं। उन्होंने महागठबंधन की बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि तमाम दावों के बावजूद झारखंड में भाजपा को कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है।
झामुमो नेता ने लोगों को दिए अपने संदेश में कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने लोगों से झामुमो को अपना समर्थन जारी रखने का आह्वान किया। महागठबंधन में मतभेद को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो कुछ भी है, वह गठबंधन है। यह ठीक है और यदि इसमें कोई खामी है तो उसे भी ठीक किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शिबू सोरेन राज्य के संथान परगना क्षेत्र की हाईप्रोफाइल माने जाने वाले दुमका सीट से आठ बार सांसद हैं। संथाल परगना में 19 मई को अंतिम चरण में मतदान होना है। यह चुनाव झामुमो सुप्रीमों के लिए अंतिम माना जा रहा है। सोरेन इस साल जनवरी में 76 वर्ष के हो गए है और वृद्धावस्था से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।