नई दिल्ली। सुप्रमकोर्ट रजिस्ट्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चुनावी हलफनामे में सम्पत्ति का ब्योरा छिपा जाने की शिकायत संबंधी याचिका में फिर से कुछ सवाल खड़े कि हैं।
याचिकाकर्ता साकेत गोखले ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री की ओर से दूसरी बार पूछे गए सवालों के बारे में पोस्ट साझा किया है। उन्होंने लिखा है,
Supreme Court Registry
ने मुझसे यह स्पष्ट करने को कहा है कि याचिका में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पक्षकार क्यों बनाया गया है?
याचिकाकर्ता ने कहा कि जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने याचिका में कुछ त्रुटियों को लेकर उन्हें एक सूची सौंपी थी, मसलन पृष्ठ संख्या और अन्य सामान्य जानकारियां, लेकिन वह उस वक्त हतप्रभ रह गए जब रजिस्ट्री ने त्रुटियों के संबंध में दोबारा पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने को कहा कि प्रधानमंत्री को इस याचिका में पक्षकार क्यों बनाया गया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि मोदी ने अपने चुनावी हलफनामों में अपनी सम्पत्ति का सही ब्योरा नहीं दिया है। प्रधानमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात में मिले भूखंड की सही जानकारी छिपायी है।