नयी दिल्ली । बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेराॅय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बड़े पैमाने पर लगाये गये असहिष्णुता के आरोप उनके मोदी के पक्ष में गये हैं और इनसे पता चला है कि वास्तव में वह कितने सहिष्णु हैं।
विवेक ने कहा, “मुझे लगता है कि ये आलोचना एक सच्ची डेमाेक्रेसी (लोकतंत्र) का प्रतीक है। इन बातों ने केवल यह साबित किया है कि मोदी का शासन सबसे सहिष्णु व्यवस्थाओं में से एक रहा है।” उन्होंने कहा, “इस तरह के आरोप (असहिष्णुता) और बॉलीवुड समेत विभिन्न पक्षों की अलग राय से साबित होता है कि कोई भी इस सरकार पर सभी तरह के आरोप लगा सकता है। यही सच्चा लोकतंत्र है। जो भी आपका विचार है, आप व्यक्त कर सकते हैं।”
इस संदर्भ में विवेक ने यहां तक कहा, “मैं ऐसे प्रधानमंत्री को सैल्यूट करता हूं जिन्होंने इस तरह के आरोप (असहिष्णुता के) लगाने वाले लोगों के विरूद्ध कोई कदम नहीं उठाये।” मोदी के जीवन पर अाधारित फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की पहली स्क्रिनिंग के सिलसिले में साेमवार को यहां मौजूद विवेक ने कहा,“क्या आपने इस मामले में किसी के विरूद्ध कोई मामला दर्ज होते या उसे परेशान किये जाते हुए देखा?”
मोदी सरकार के बारे में दिग्गज अभिनेता नसीरूद्दीन शाह समेत विभिन्न कलाकारों के विचारों पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर विवेक ने कहा,“यह उनका हक है भाई। आप भी मोदीजी के खिलाफ दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं।” नसीरूद्दीन ने कुछ माह पहले मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि उनके शासनकाल में देश बेहद असहिष्णु बनता जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय जनता पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल होंगे या फिर राज्यसभा के सदस्य के तौर पर कोई पद हासिल करेंगे तो विवेक ने कहा,“मैं थोड़ा सा पागल हूं लेकिन मैं बहुत स्पष्ट रूप से बोलता हूं। मैं जो कहता हूं या जो कुछ सोचता हूं, उसमें शायद ही कोई अंतर होता है। मुझे विभिन्न दलों से 2004 से राजनीतिक प्रस्ताव मिल रहे हैं, लेकिन मैं हमेशा इन सबसे दूर रहा हूं।”
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा,“संसदीय चुनावों में लड़ने के प्रस्ताव क्षेत्रीय दलों तथा राष्ट्रीय पार्टियों से भी मिले हैं। उपचुनाव के लिए भी ऐसा ही एक प्रस्ताव आया था। हर बार मैंने कहा कि नहीं, क्योंकि मुझे लगता है, मैं एक राजनीतिक पार्टी के तथाकथित अनुशासनात्मक कोड को बनाए नहीं रख पाऊंगा। मैं कई बार अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बोल सकता हूं।”
यह पूछे जाने पर कि मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर अगले पांच वर्षाें में उन्हें कौन सा ‘बड़ा काम’ करते हुए देखना चाहेंगे, विवेक ने कहा,“ एक आम आदमी के रूप में, मैं कहूंगा कि शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के उच्च सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना एक बड़ा काम होगा।”
सत्रहवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के जीवन पर बनी फिल्म ‘नरेन्द्र मोदी’ को रिलीज़ करने का विरोध किया था। भाजपा मुख्यालय में सोमवार को कई केन्द्रीय मंत्रियों और पार्टी नेताओं की मौजूदगी में फिल्म की साेमवार को विशेष स्क्रीनिंग रखी गयी। फिल्म 24 मई को सिनेमा घरों में प्रदर्शित की जायेगी।
बालीवुड अभिनेता ने कहा, “दो घंटे की यह फिल्म प्रधानमंत्री के पूरे जीवन और उनके कार्यों को प्रदर्शित नहीं कर सकती। मेरी फिल्म कोई प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि मेरी फिल्म के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है।” विवेक ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा, “जिन्होंने मेरी आलोचना की और हमारी फिल्म का विरोध किया उन्हें अपने कार्यों और राजनीति पर भरोसा नहीं है।” महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित फिल्म का उल्लेख करते हुए विवेक ने कहा, “ प्रख्यात फिल्मकार रिचर्ड एटनबर्ग के कार्यों की भी आलोचना की जाती है और कुछ लोग यह कहते हैं कि यह क्यों नहीं दिखाया गया कि गांधी जी एक बुरे पिता थे।”