अगरतला। त्रिपुरा सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की 12वीं बटालियन के छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
सरकार ने यह कार्रवाई 10 दिन पहले ड्यूटी को लेकर हुए विवाद के बाद दो जवानों पर अत्याचार करने तथा उन पर बर्बर तरीके से हमला करने को लेकर की है।
गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे राज्य के मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव ने इस मामले में तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग या संगठन में अनैतिक गतिविधियों के लिए दोषी पाए गए किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
देव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि हम किसी भी स्तर पर किसी भी व्यक्ति के गैरकानूनी तथा अनैतिक गतिविधियों को बर्खास्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी -इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा सरकार पिछले 24 सालों के दौरान खराब हुई राज्य कानून-व्यवस्था को सुधारने तथा जनता के लिए सुशासन सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
बताया जा रहा है कि टीआरएस की 12वीं बटालियन की ‘एमआई रूम’ यूनिट में तैनात मध्य प्रदेश निवासी भोजवीर सिंह चौहान तथा राजस्थान निवास जगदीश चावला को विपुल रंजन डे (नायब सुबेदार), कमल पॉल (हवलदार), राजू धर (हवलदार), महवर दास (नायक) तथा सत्यव्रत सिन्हा (नायक) ने 11 मई को बुरी तरह पीटा था।
इन लोगों ने दोनों पर लोहे के रॉड तथा अन्य कठोर पदार्थों से हमला किया था। इन लोगों ने कथित तौर पर यह हमला ड्यूटी को लेकर हुए विवाद के बाद की थी। हमले के दौरान घायल हुए जवान चौहान को जब दो दिन पहले गंभीर हालत में ‘अगरतला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज’ में भर्ती कराया गया, तो यह मामला सामने आया।
उधर, पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि दोनों जवानों पर हमला करने वाले लोगों को किसने बचाया और उन लोगों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के निकटवर्ती शिविर में रात कैसे बिताई। हमलावर बिना किसी को बताए अगले दिन सुबह अपने गांव रवाना हो गए।
वहीं चौहान को बटालियन मुख्यालय में बिना किसी देखरेख के चार से पांच दिन तक रहें जबकि आरोपी बटालियन के कमांडेंट रति रंजन देवनाथ ने इस मामले को छुपाया और उन्होंने घायल जवान के उपचार के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
साथ ही उसने इस मामले के आरोपियों के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू नहीं की। तीन दिन पहले जब चौहान की तबीयत बिगड़ी तो उनके सहयोगियों ने उन्हें तेलियामुरा अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें एजीएमसी भेज दिया।
डॉक्टरों ने बताया कि चौहान को बाहरी तथा आंतरिक दोनों तरह की चोटें आई हैं। सरकार ने फैसला किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो बेहतर उपचार के लिए चौहान को त्रिपुरा से बाहर के अस्पताल में ले जाया जाएगा।
सरकार दूसरे जवान जगदीश चावला की तबीयत के बारे में जानकारी लेने के लिए राजस्थान में उनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार ने देवनाथ को इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण सोमवार रात तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उन्हें बिना वरिष्ठ की अनुमति के अगलतला नहीं छोड़ने को कहा है।