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Kamal Nath writes letter to Shivraj Singh Chauhan for farmers debt waiver - कमलनाथ ने कर्जमाफी को लेकर शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र - Sabguru News
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कमलनाथ ने कर्जमाफी को लेकर शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र

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कमलनाथ ने कर्जमाफी को लेकर शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र
Kamal Nath writes letter to Shivraj Singh Chauhan for farmers debt waiver
Kamal Nath writes letter to Shivraj Singh Chauhan for farmers debt waiver
Kamal Nath writes letter to Shivraj Singh Chauhan for farmers debt waiver

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि आचार संहिता खत्म होते ही राज्य सरकार शेष किसानों के कर्जमाफ करेगी।

कमलनाथ ने इसके साथ ही चौहान से जानना चाहा है कि क्या वे लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद उनसे उम्मीद कर सकते हैं कि वे कर्जमाफी की सच्चाई स्वीकार करेंगे। कमलनाथ की ओर से कल लिखे गए इस पत्र में उन्होंने चौहान को संबोधित करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करते ही उन्होंने 17 दिसंबर को कर्जमाफी के आदेश जारी कर प्रक्रिया शुरु की। 22 फरवरी से कर्जमाफी के प्रमाणपत्र वितरित करना शुरु कर 10 मार्च को आचार संहिता लगने तक करीब 21 लाख किसानों के कर्जमाफ किए। आचार संहिता समाप्त होते ही कर्जमाफी की प्रक्रिया फिर शुरु कर कांग्रेस अपने वचन पत्र में दिए वचन को पूरा करेगी।

उन्होंने आरोप लगाया है कि चौहान ने आम चुनावों को देखते हुए कर्जमाफी को लेकर किसानों को लगातार गुमराह और भ्रमित करते हुए दुष्प्रचार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कर्जमाफी के सच्चे प्रयासों को झुठलाने की चौहान ने तमाम कोशिशें कीं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल होने के बावजूद आचार संहिता के पहले करीब 21 लाख किसानों के दो लाख रुपए के कर्जमाफ किए। उन्होंने कहा कि ये एक सच्चाई है, जिसे चौहान ने राजनीतिक कारणों से सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया।

कमलनाथ ने कहा कि महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार कर्जमाफी पर जो काम तीन साल में नहीं कर पाई, वो प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने तीन महीने से भी कम समय में कर दिखाया। उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस ने चौहान को कर्जमाफी के प्रमाण भी सौंपे, लेकिन इसके बावजूद वे चुनावों को देखते हुए किसानों को गुमराह करनेे के लिए इस सच्चाई को अस्वीकार करते रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब चूंकि चुनाव समाप्त हो चुके हैं, ऐसे में अब क्या वे चौहान से उम्मीद कर सकते हैं कि वे कर्जमाफी की सच्चाई को स्वीकार करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्जमाफी के इस काम को आचार संहिता हटने के फौरन बाद दोबारा शुरु करने के लिए वे चौहान का सहयोग और शुभकामनाएं चाहते हैं।

मध्यप्रदेश में पिछले साल नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की 15 साल बाद सत्ता में वापसी हुई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पदभार ग्रहण करते ही कर्जमाफी की फाइल पर हस्ताक्षर कर ये प्रक्रिया शुरु कर दी थी। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री चौहान समेत पूरी भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि प्रदेश में कहीं किसी की कर्जमाफी नहीं हुई। कांग्रेस ने इस संदर्भ में समय-समय पर चौहान को कर्जमाफी के प्रमाण भी सौंपे हैं।

लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को मतदान पश्चात सर्वेक्षण (एग्जिट पोल) के नतीजे सामने आने के बाद मध्यप्रदेश में राजनैतिक बयानबाजी जारी है। विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने 20 मई को यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि एग्जिट पोल के नतीजों के मद्देनजर राज्य की कांग्रेस सरकार को विधानसभा सत्र आहूत कर सदन में बहुमत साबित करना चाहिए।

इस बयान के कुछ घंटे बाद भार्गव ने राज्यपाल को एक पत्र लिखा, जिसमें राज्य में जलसंकट समेत विभिन्न समस्याओं का जिक्र करते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया। हालाकि भार्गव ने पत्र में बहुमत साबित करने वाली बात नहीं लिखी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कल भार्गव को एक पत्र लिख दिया। इसके पहले कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में आरोप लगाया कि दस से अधिक विधायकों को पद और पैसे का प्रलोभन दिया गया।

कमलनाथ ने कहा कि भाजपा भले ही कितने प्रलोभन दे, उन्हें कांग्रेस और उनकी सरकार को समर्थन दे रहे विधायकों पर पूरा भरोसा है। दिन भर के घटनाक्रमों के बीच देर रात भार्गव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उसका जवाब दिया। आज सुबह फिर कमलनाथ की ओर से चौहान को लिखा गया पत्र मीडिया के सामने आ गया।