नयी दिल्ली । लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के वरिष्ठ नेता राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र में पक्ष विपक्ष और को जनादेश का सम्मान करना चाहिए और चुनाव परिणाम को लेकर खून-खराबे की बात नहीं करनी चाहिए।
पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद है और इसकी घोषणा से पहले इस पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। इससे देश नहीं चलेगा। एक्जिट पोल के परिणाम को देखकर विपक्षी दल बौखला गये हैं जबकि इसका आंकलन मीडिया से जुड़े लोग मतदाताओं की राय जानने के बाद करते हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने कार्यकर्ताओं को चुनाव परिणाम को लेकर रक्षात्मक रुख नहीं अख्तियार करने को कहा है, साथ ही बिहार में चुनाव परिणाम को लेकर खून-खराबे की बात करने वाले लोकतंत्र को समाप्त कर जंगल राज स्थापित करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने विपक्ष की आशाओं के विपरीत चुनाव परिणाम आने पर खून-खराबा होने की बात कही है।
लोजपा नेता ने कहा कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है और जो लोग ईवीएम का विरोध कर रहे हैं, वे संविधान पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे लोग लोकतंत्र को बूथ कब्जा करने तथा धन-बल और बाहुबल के युग में ले जाना चाहते हैं। विपक्ष एक ओर संविधान बचाने की बात करता है, दूसरी ओर संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करता है।
पासवान ने कहा कि ईवीएम से चुनाव को लेकर चार बार उच्चतम न्यायालय में मामला दाखिल किया गया और उन पर न्यायालय ने अपना निर्णय दे दिया, इसके बावजूद चुनाव को लेकर सवाल उठाया जाना उचित नहीं लगता। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में राजग की पराजय हो गयी थी, लेकिन इसके घटक दलों ने कोई सवाल नहीं उठाया था। विपक्ष जब जीतता है तो ईवीएम पर सवाल नही उठाये जाते, लेकिन हारने पर सवाल किये जाते हैं।
लोजपा प्रमुख ने कहा कि नरेन्द्र मोदी का एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनना तय है। राजग और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की कल हुई बैठक में गठबंधन से जुड़े तमाम नेताओं ने प्रधानमंत्री को जीत की अग्रिम बधाई दी और कहा कि इसका श्रेय पूरी तरह से उन्हें ही जाता है। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने पूरी तरह मोदी पर ही फोकस किया था अौर महंगाई तथा भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे को नहीं उठाया था।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों के मुख्यधारा में शामिल होने से देश मजबूत होता है और जरूरत हुई तो राजग में और सहयोगी दलों को शामिल किया जायेगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद में किसी को शामिल करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है और इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।