चेन्नई । उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि वनों का विनाश तथा प्रजातियों का विलुप्त होना इस समय हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
नायडू ने जैव विविधता दिवस के मौके पर बुधवार को यहां समारोह में कहा, “मौजूदा समय में हम वनों के विनाश तथा प्रजातियों के विलुप्त होने की बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वन पारिस्थितिकीय तंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं और यह धरती पर जीवन को बनाये रखने में सीधे तौर पर प्रभाव डालते हैं। उन्होंने कहा, “कटाई, नगरीकरण, औद्योगिकरण तथा प्रदूषण के कारण हम लोग पेड़ों को खो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि चक्रवात तथा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को कारण पेड़ नष्ट हो रहे हैं, जिसका लोगों के जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक मापदंड के अनुसार कुल क्षेत्रफल के 33.3 हिस्से पर वन होना चाहिए लेकिन भारत में महज 21 हिस्से में ही वन हैं। उन्होंने बताया कि विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2001 से 2018 के बीच 1.60 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर से पेड़ों की कटाई हुई है। उन्होंने पेड़ों के बचाव के लिए शुरू किये गये नयी तथा अनोखी पहले ‘ट्री एम्बुलेंस एंड ट्री स्पेड’ का जिक्र करते हुए कहा कि ‘ट्री एम्बुलेंस’ की कल्पना पेड़ों की देखभाल को लेकर की गयी है