नयी दिल्ली । लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भारी जीत से किंगमेकर बन केंद्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एम चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का सपना चकनाचूर हो गया है।
नायडू जहां गैर भाजपा मोर्चा बनाने में जुटे थे वहीं चंद्रशेखर राव गैर भाजपा गैर कांग्रेस दलों का फेडरल मोर्चा बनाने के प्रयासों में लगे थे जिसके पीछे उनका इरादा केंद्र की राजनीति का अहम किरदार बनना था। देश की जनता ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा में विश्वास जता कर उनके इरादों पर पानी फेर दिया है।
इस चुनाव में नायडू को करारा झटका लगा है और वह आंध्रप्रदेश में सत्ता से बाहर हो गये है। राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के साथ साथ हुये थे और दोनों चुनावों में नायडू की तेलुगुदेशम पार्टी को जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस पार्टी के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पिछले वर्ष भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़ने के बाद नायडू देश में गैर भाजपा मोर्चा बनाने के प्रयास में लगे थे। लोकसभा चुनाव के लिये मतदान पूरा हो जाने के बाद उन्होंने दिल्ली, कोलकाता और लखनऊ जाकर भाजपा विरोधी दलों से मुलाकात की थी।
दूसरी तरफ चंद्रशेखर राव अपना राज्य बचाने में सफल रहे हैं। तेलंगाना में भी लाेकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने थे लेकिन उन्होंने विधानसभा भंग कर छह माह पहले ही उसके चुनाव करा लिये थे जिसमें उनकी पार्टी को भारी सफलता मिली थी। लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही है।