हरिद्वार। पंतजलि योगपीठ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण को स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान संयुक्त राष्ट्र संगठन की संस्था की ओर से जेनेवा में आयुर्वेद को वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में स्थापित करने के साथ -साथ अनुसंधान एवं निदान के लिए दिया गया।
यूएनओ की संस्था यूनाइटेड नेशन सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल के स्वास्थ्य सम्मेलन में उन्होंने वहां भारत का प्रतिनिधत्व करते हुए आयुर्वेदिक दवाओं से असाध्य रोगों के ईलाज एवं उसे विश्व में वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में मान्यता देने के लिए अपना जोरदार ढंग से पक्ष रखा।
स्वामी रामदेव ने इस सन्दर्भ में रविवार को बुलाई गई प्रेस वार्ता में आचार्य बालकृष्ण को इसके लिए बधाई देते हुए इसे पतंजलि योगपीठ की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने बताया कि यूएनओ कि यूएनएसडीजी संस्था द्वारा विश्व के कई देशों में पंतजलि योगपीठ की अग्रणी भूमिका को देखते हुए उन्हें स्वास्थ रक्षा सम्मान से नवाजा गया।
इस सम्मेलन में विश्व के 50 देशों के 500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण को सम्मानित किया गया। आचार्य बालकृष्ण ने योग एवं आयुर्वेद की गुणवत्ता को बनाए रखने का आश्वासन देते हुए इसे विश्व स्तर पर वैकल्पिक दुष्प्रभाव रहित चिकित्सा के रूप में मान्यता देने का आह्वान किया।
जेनेवा में आयोजित इस सम्मेलन में आचार्य बालकृष्ण ने योग एवं आयुर्वेद द्वारा असाध्य रोगों के निदान की इस प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति पर प्रकाश डालते हुए पंतजलि योग पीठ द्वारा इस सम्बन्ध में किए जा रहे शोधों पर भी प्रकाश डाला।