पटना । बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव में पांच विधायकों के सांसद बन बनने से अब पांच विधानसभा क्षेत्र में फिर से चुनाव कराये जायेंगे।
बिहार में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के इरादे से 12 विधायक चुनावी मैदान में उतरे, जिनमें से पांच को कामयाबी मिली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के टिकट पर सिमरी बख्तियारपुर के विधायक दिनेश चंद्र यादव मधेपुरा संसदीय सीट से, नाथनगर के विधायक अजय कुमार मंडल भागलपुर से, बेलहर के विधायक गिरधारी यादव बांका से और दरौंधा की विधायक कविता सिंह सीवान से चुनावी रणभूमि में उतरी और उन्हें सांसद बनने का अवसर मिला।
वहीं, महागठबंधन की ओर से किशनगंज सीट से किशनगंज के विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार डाॅ. मोहम्मद जावेद ने जीत हासिल की और वह संसद पहुंचने में कामयाब रहे।
इन सबके साथ ही इस बार के लोकसभा चुनाव में राज्यसभा सासंद और विधान पार्षदों ने भी किस्मत आजमायी, जिनमें रवि शंकर प्रसाद (राज्यसभा सासंद), पशुपति कुमार पारस (विधान पार्षद ) और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (विधान पार्षद) लोकसभा सांसद बनने में सफल रहे हैं। ऐसे में विधानसभा, विधान परिषद और राज्यसभा की बहुत सारी सीटें खाली हो रही हैं, जिन पर अब नए सिरे से चुनाव करवाए जाएंगे।
विधायक, राज्यसभा सांसद और विधान पार्षदों को सासंद बनने के बाद अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ेगी और उन्हें त्यागपत्र देना होगा। त्यागपत्र देने के छह महीने के अंदर पांच विधानसभा क्षेत्र सिमरी बख्तियारपुर, नाथनगर, बेलहर, दरौंधा और किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में फिर से चुनाव कराये जाएंगे।
हाजीपुर (सु) सीट से रामविलास पासवान के भाई और नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के मंत्री तथा विधान पार्षद पशुपति कुमार पारस भी चुनाव जीतकर सांसद बन गये है। मुंगेर से जदयू के टिकट पर बिहार सरकार में मंत्री और विधान पार्षद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी सांसद बनने में सफल रहे हैं। पारस और सिंह को विधान परिषद् की सदस्यता से त्यागपत्र देना होगा। केन्द्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद रवि शंकर प्रसाद को भी पटनसाहिब सीट से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा की सदस्यता छोड़नी होगी, जिससे राज्यसभा में बिहार से एक सीट रिक्त हो जायेगी।