आबूरोड (सिरोही)। गुजरात और राजस्थान की सीमा के बीच सिरोही जिले की आबूरोड तहसील का आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को भाखर क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। इस इलाके की प्राकृतिक छटा निराली है। नदी-नालों में कलकल की आवाज के साथ बहता पानी तथा घने वृक्षों की बहुलता मनमोहक लगती है।
ऊंचे खजूर के पेड, नीचे पलाश
इन दिनों इस क्षेत्र में खजूर के ऊंचे -ऊचे पेड़ खजूर से लकदक नजर आते हैं। पलाश के पेड़ों पर नए पत्ते आए हैं, ऐसा लग रहा है कि इन दोनों का संयोग प्रकृति की सुंदरता को बढाने के लिए हुआहो। लंबी ऊंचाई पर खजूर पक रहा है तो नीचे पत्तों के रूप में हरीतिमा बिखेर रहा है।
अभी तो एक दूसरे के पूरक
झ्न दोनों को उपयोगी दृष्टिकोण से इसक्षेत्र में देखा जाए तो यहां के लोग ऊपर से पककर गिरे खजूरों को नीचे पलाश के पत्तों का दौना बनाकर बेचने जाते हैं। शहरों और कस्बो में इसकी खासी मांग रहती है।