आबूरोड (सिरोही)। सिरोही जिले के आदिवासी बहुल इलाके में भी समय के साथ सामाजिक रीति रिवाजों में व्याप्त कुरुतियों का अंत होने लगा है। या यूं कहे कि आदिवासी भी बदलाव की बयार से अछूते नहीं रहे हैं। एक ऐसा ही बदलाव आबूरोड तहसील के निचलागढ़ की महादेवफली में आयोजित व्यकितगत संग (मन्नत) कार्यक्रम में देखने को मिला।
स्वास्थ्य-सुधार के लिए मायके में की गई थी, संग की मन्नत
56 वर्षीय रतनी पत्नी भाणाराम सोलंकी ने बताया की बचपन में मेरा स्वास्थ्य खराब रहने पर माता-पिता ने ओढनी ओढ़ाने वाले संग कार्यकम आयोजन की मन्नत की गई। इसी के तहत महादेव फली में समाज के रिश्तेदार आ पहुंचे। इस बीच निचलागढ़ के नाणारामजी, पूर्व उप सरपंच नरसाराम सोलंकी, पटेल सामीराराम ने एक मंच से आह्वान किया की आज हम ओढ़नी ओढ़ाने के स्थान पर नकद भेंट के रूप में 51 रुपए ओढ़ने मे रखेंगे।
प्रस्ताव पर लगी मुहर
बस इतना कहते ही इस प्रस्ताव को पूरा जन समर्थन मिला। और आगांतुक रिश्तेदारों द्वारा रतनी को नकदी थमाकर परम्परा का बदलाव किया गया। ओढ़नियो का वैसे भी कोई उपयोग नहीं होता था, अब नकदी का दैनिक जीवन में सदुपयोग हो सकेगा।