पटना। बिहार का ‘लेनिनग्राद’ कहे जाने वाले बेगूसराय संसदीय क्षेत्र में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बड़े अंतर से हराकर राज्य में वामपंथ के एक बार फिर से उभरने की संभावनाओं पर पानी फेरने वाले भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया है।
बिहार में लखीसराय जिले के बड़हिया में भूमिहार परिवार रामवतार सिंह के घर वर्ष 1952 में जन्मे सिंह ने वर्ष 1971 में मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। उनका विवाह उमा सिंह से हुआ और उनकी एक पुत्री है। भड़काऊ बयान के कारण हमेशा विवाद में रहने वाले सिंह को 09 नवंबर 2014 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम राज्य मंत्री बनाया गया। बाद में उन्हें इसी मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया।
इससे पूर्व सिंह बिहार की नीतीश सरकार में वर्ष 2005 से 2010 तक सहकारिता मंत्री और वर्ष 2010 से 2013 तक पशुपालन मंत्री रहे। वर्ष 2013 में बिहार में जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़ने के बाद मंत्री पद गंवाने वाले भाजपा के 11 मंत्रियों में सिंह भी शामिल थे।
नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक माने जाने वाले सिंह अप्रेल 2106 में अपने उस बयान को लेकर विवादों में घिर गए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि सभी धर्म के परिवार में दो बच्चे पैदा करने के नियम लागू कर दिए जाएं तो देश में जनसंख्या आसानी से नियंत्रित हो जाएगी।
इसके बाद अक्टूबर 2016 में उन्होंने हिंदुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने का बयान देकर नए विवाद को जन्म दे दिया था। वह यहीं नहीं रुके, उन्होंने 4 नवंबर 2016 को कहा कि हिंदुओं को अपनी जनसंख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके बाद उन्होंने अल्पसंख्यकों को धमकी दी कि यदि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की विचारधारा का समर्थन नहीं करेंगे तो उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाएगा।
सिंह वर्ष 2002 में पहली बार बिहार विधान परिषद् का सदस्य चुने गए और मई 2014 तक ऊपरी सदन के सदस्य बने रहे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2014 में नवादा लाेकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद विधान परिषद् की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। भाजपा ने उन्हें वर्ष 2014 में नवादा संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया तो उन्होंने बेगूसराय से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई।
हालांकि कुछ दिनों के मान-मनौवल के बाद वह मान गए और नवादा से चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दलके राजवल्लभ यादव को 140157 मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया।
इसी तरह वर्ष 2019 के आम चुनाव में इतिहास की पुनरावृत्ति हुई और नवादा से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले सिंह को भाजपा ने बेगूसराय से अपना उम्मीदवार बनाया। काफी विरोध के बाद अंतत: वह माने गए। उन्होंने बेगूसराय से जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार को 419660 मतों के भारी अंतर से पराजित कर बिहार में एक बार फिर से वामपंथ के उभरने की उम्मीदों को समाप्त कर दिया।