जयपुर। केंद्रीय मंत्रिमंडल में दुबारा शामिल किए गए केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की है।
जोधपुर में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को हराकर सुर्खियों में आए शेखावत ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की। वर्ष 1992 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशी के रूप में जोधपुर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के भारी मतों से अध्यक्ष चुने गए थे।
इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने दर्शनशास्त्र में एमए किया। चुनावी राजनीति में आने से पहले वह कई मंचों एवं संगठनों में पदाधिकारी रहे। वह संघ परिवार की आर्थिक शाखा के स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक, और राजस्थान में सीमाई क्षेत्रों में गांवों और शहरों के विकास के लिए समर्पित संगठन सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव रहे।
सीमा क्षेत्र में निवासरत नागिरकों की दूसरी रक्षापंक्ति बनाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारत पाकिस्तान सीमा पर 40 स्कूल और चार छात्रवास खुलवाने में उनकी मुख्य भूमिका रही।
शेखावत का जन्म राजस्थान में सीकर जिले के महरौली गांव में तीन अक्टूबर 1967 में राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता शंकर सिंह शेखावत जनस्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारी थे। वर्ष 2014 में पहली बार जोधपुर से सांसद चुने गए। सर्वाधिक मतों (चार लाख 10 हजार 54) से सांसद चुने जाने के बाद उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। इसके अलावा वह भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।
शेखावत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। सांसद के रूप में सदन में सर्वाधिक बहस करने वाले सर्वश्रेष्ठ पांच सांसदों में वह शामिल रहे हैं।