बाड़मेर। लोकसभा चुनाव में राजस्थान की बहुचर्चित बाड़मेर लोकसभा सीट से सांसद कैलाश चौधरी को पहली बार में ही मंत्री बनने का सौभाग्य हासिल हो गया।
पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव में हारने के बाद लोकसभा चुनाव जीत कर अचानक चर्चा में आए कैलाश चौधरी संघ खेमे के माने जाते हैं। भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह को हराकर सांसद बने चौधरी एक बार विधायक भी रह चुके हैं।
20 सितंबर 1973 में जन्मे कैलाश चौधरी ने एमए, बीपीएड तक शिक्षा प्राप्त की हैं। मूलरूप से बाड़मेर के जानियाना निवासी चौधरी वर्ष 2013 में बायतू से भाजपा की टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे।
चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी को हराया था। इस चुनाव के बाद कर्नल सोनाराम चौधरी भाजपा में शामिल हो गए और बाड़मेर से सांसद बने, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला।
कैलाश चौधरी को पिछली बार बायतू से चुनाव मैदान में उतारा गया लेकिन वह कांग्रेस के हरीश चौधरी से हार बैठे। इसके बाद बदले राजनीतिक समीकरणों के चलते पार्टी ने बाड़मेर सांसद कर्नल सोनाराम का टिकट काटकर अचानक कैलाश चौधरी को लोकसभा चुनाव मैदान में उतार दिया जिससे वह अचानक सुर्खियों में आ गए। उन्होंने मनवेन्द्र काे बुरी तरह से हराया।