अजमेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने राज्य में कांग्रेस में भारी असंतोष बताते हुए कहा है कि उसे लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार से सबक लेना चाहिए।
आहूजा आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति उसके अपने कर्मों के कारण छिन्नभिन्न हुई है। विधानसभा चुनाव में भी स्पष्ट बहुमत नहीं आया लेकिन अशोक गहलोत सरकार बनाने में सफल हो गए, मगर सौ दिनों के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो दुर्गति हुई है, उससे उन्हें सबक लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस में भारी असंतोष है, जिसके चलते उसकी दुर्गति और ज्यादा होगी इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां असंतोष होता है वहां विस्फोट भी होता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सत्ता में रहते लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी को नहीं बचा पाए।
चुनाव के दौरान गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ही टिप्पणी कर दी कि उनके तो कोई लड़का नहीं है, लेकिन वह अपने लड़के के लिए काम कर रहे है। यह टिप्पणी गहलोत की सादगी के विपरीत रही और जनता ने ही गहलोत के लड़के को जमीन दिखा दी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार जो चमत्कारी नतीजे आए है, उसमें भाजपा के नेता पीछे रहे और जनता चुनाव प्रचार से लेकर मतदान तक आगे रही, जिसके चलते ये परिणाम सामने आये है। भाजपा भारी बहुमत से विजयी होकर केंद्र में सरकार बनाने में सफल रही।
उन्होंने स्वयं को ज्योतिष नहीं बताते हुए दावा किया कि उन्होंने 26 मार्च को ही भाजपा का 300 सीट जीतने का आंकड़ा निकाल दिया था। इससे पहले भी वह 282 सीटों का आंकड़ा दे चुके है। उनके दोनों पूर्वानुमान सही साबित हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की केवल पंद्रह विधानसभा सीटों पर ही भाजपा को कुछ कम वोट मिले है।
आहूजा ने कांग्रेस के विधायक हरीश मीणा द्वारा किए जा रहे अनशन पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि वह भाजपा से दौसा संसदीय सीट से सांसद रह चुके है, लेकिन कांग्रेस में चले गए और आज कांग्रेस शासन में ही अपनी सरकार के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे है, जिससे भी कांग्रेस में हड़कंप है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी, खींचतान और जनता में उसके विरुद्ध माहौल ने ही कांग्रेस का माहौल बिगाड़ा है।