भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच बिजली की अघोषित कटौती की जानकारी सामने आने को गंभीरता से लेते हुए इस बारे में चर्चा के लिए कल जिम्मेदार अधिकारियों की एक बैठक बुलवाई है।
मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए सवाल किया है कि सरप्लस बिजली होने के बाद प्रदेश के कई हिस्सों से बिजली गुल व कटौती के मामले सामने क्यों आ रहे हैं। उन्होंने ज़िम्मेदार अधिकारियों की कल एक बैठक बुलायी है, जिसमें इन सभी मामलों पर चर्चा की जावेगी।
कल प्रदेश में कई स्थानों पर तेज हवा-आँधी -बारिश के बाद घंटों बिजली गुल होने के मामले सामने आए थे। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी दिखाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि बिना किसी कारण के यदि बिजली गुल रहती है या बिजली कटौती की जाती है तो वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे व कृषि कार्य के लिये कम से कम 10 घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव पूर्व इस संबंध में कड़े निर्देश दिये थे और कुछ दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की गयी थी, लेकिन चुनाव बाद वापस प्रदेश के कई हिस्सों से इस तरह की घटनाएं व मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लापरवाह अधिकारी-कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्हाेंने कहा कि मेंटेनेंस का कार्य भी सूचना प्रकाशित करवाकर किया जावे। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए समय सीमा में उसका निराकरण करे। उन्होंने अधिकारियों से जनता के बीच में जाने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समस्याएँ कांग्रेस सरकार के पूर्व भी थीं, लेकिन वे इसे राजनीति का विषय नहीं बनाना चाहते। उन्होंने कहा कि वे स्वयं बिजली वितरण व शिकायतों की मॉनिटरिंग करेंगे और समय- समय पर अधिकारियों से रिपोर्ट लेंगे।