नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन खत्म करने के संकेत देते हुए सोमवार को कहा कि उत्तरप्रदेश विधानसभा के उप चुनावों में बसपा अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी।
लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए दिल्ली कार्यालय में बुलाई गई बैठक में मायावती ने अगले छह महीने के भीतर होने वाले उत्तरप्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के उप चुनाव में अकेले लड़ने का फ़ैसला किया है। उन्होंने पार्टी नेताओं को उप चुनावों के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए।
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी से समझौता करने का कोई ख़ास फ़ायदा नहीं हुआ तथा सपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बसपा के खिलाफ काम किया। अब विधानसभा उपचुनाव बसपा अकेले लड़ेगी।
सूत्रों के अनुसार पिछले दस सालों में बसपा ने कोई उप चुनाव नहीं लड़ा। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के दस विधायक सांसद बन गए हैं। लगभग तीन घंटे तक चली समीक्षा बैठक में गठबंधन की हार पर गंभीर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में मायावती ने उत्तरप्रदेश में संगठन को चार हिस्सों में बांट कर तीन की ज़िम्मेदारी राज्यसभा सांसद मुनकाद अली और नौशाद तथा शम्सुद्दीन राइनी को सौंपी।
लोकसभा चुनाव परिणाम से नाखुश मायावती ने छह राज्यों उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के प्रभारियों को हटा दिया है। दिल्ली और मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए गए हैं। उत्तरप्रदेश में बसपा प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा से उत्तराखंड के प्रभारी का पद भी छीन लिया गया।
बसपा ने लोकसभा चुनाव में 300 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उत्तरप्रदेश में बसपा ने सपा और राष्ट्रीय लोकदल के साथ महागठबंधन किया था। बसपा को 10 सीटें और सपा को पांच सीटें मिलीं। रालोद खाता भी नहीं खोल पाई। बाकी राज्यों में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली।