अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का प्रबंधन संभालने वाली दरगाह कमेटी के सदर (अध्यक्ष) पद पर एकबार फिर अमीन पठान के नाम पर मोहर लग गई।
अजमेर में आज दरगाह कमेटी के गरीब नवाज गेस्ट हाउस में आयोजित चुनावी एवं बजट बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से एकबार फिर अमीन पठान को सदर के रूप में स्वीकार कर लिया जबकि नायब सदर (उपाध्यक्ष) शाहिद रिजवी को बनाया गया। वह निवर्तमान नायब सदर बाबर अशरफ का काम देखेंगे। यह निर्वाचन नई दिल्ली मंत्रालय से आए सचिव प्रदीप कुमार की देखरेख में संपन्न हुआ।
कमेटी के सूत्रों ने बताया कि इस चुनावी बैठक में अन्य सदस्यों में मुन्नवर खान, सपात खान, मिस्बाहुल इस्लाम, फारुख आजम, कासिम मलिक, नसीम खान के साथ दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद भी मौजूद रहे।
बैठक में वर्ष 2019-20 के लिए करीब बारह करोड़ रुपए का बजट भी अनुमोदित कर दिया गया। बैठक में ख्वाजा गरीब नवाज विश्वविद्यालय परियोजना को तेजी से पूरा करने पर निर्णय लिया गया और दरगाह के विकास कार्यों को गति देने पर सहमति बनी।
पुनः निर्वाचित हुए सदर अमीन पठान ने कहा कि दरगाह कमेटी दूरदराज से आने वाले जायरीन की सहुलियतों को ध्यान में रखते हुए काम करती रहेगी और जल्द ही अमृत योजना के तहत चल रहे दरगाह के निजाम द्वार सौंदर्यीकरण कार्य को पूरा करा लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अमीन पठान राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष भी है। वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी होने के साथ साथ केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का समर्थन भी हासिल है।
पठान का दरगाह कमेटी सदर पद पर पिछले वर्ष ही केन्द्र की भाजपा सरकार में मनोनयन हुआ था, तब भी नकवी ही इस मंत्रालय को देख रहे थे और माना जा रहा है कि नकवी की रजामंदी के बाद ही एक बार फिर अमीन पठान को दरगाह कमेटी के सदर पद का दायित्व सौंपा गया है। दरगाह अधिनियम के अनुसार हर साल सदर (अध्यक्ष) और नायब सदर (उपाध्यक्ष) के चुनाव कराने का प्रावधान है।