Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
क्या पिता सच में कभी दोस्त बन सकता है या नहीं - Sabguru News
होम Headlines क्या पिता सच में कभी दोस्त बन सकता है या नहीं

क्या पिता सच में कभी दोस्त बन सकता है या नहीं

0
क्या पिता सच में कभी दोस्त बन सकता है या नहीं
value of father
value of father
value of father

क्या होती है एक पिता इसके अहमियत : तब पता चलती है जब पिता का हाथ और साथ उनकी औलाद पर नहीं रहता। पिता जीवन के कैसी कड़ी होती है जिसे अक्सर थोड़ा कठोर माना जाता है। जिससे कहते तो हैं की पिता और बेटे को एक दोस्त की तरह रहना चाहिए लेकिन ऐसा आमतौर पर मुमकिन नहीं हो पाता पिता और पुत्र के बीच हमेशा एक गैप सा बना रहता है।

पिता पुत्र में दुरी का कारण यह होता है कि पुत्र को इस बात का डर होता है कि पिता उसके शैतानियां को और उसकी गलती को नजरअंदाज नहीं करेंगे और उस पर हावी हो जाएंगे जबकि एक पिता यह सोचता है कि मेरा पुत्र मेरे से कटता क्यों हैं। मेरे से एक दोस्त की तरह क्यों नहीं रहता।

कई बार पिता और पुत्र का सोचना सही होता है लेकिन कई बार दोनों की सोच में कहीं ना कहीं कोई कमी रह जाती है इसके चलते पिता और पुत्र का रिश्ता कमजोर बन जाता है यहां बात केवल पिता और पुत्र के नहीं हैं पिता और पुत्री की भी होती है।

पिता का पुत्री से मजबूत रिश्ता

पिता और पुत्र से ज्यादा पिता और पुत्री के रिश्ते काफी मजबूत अच्छे बताए जाते हैं या देखने को मिलते हैं क्योंकि आमतौर पर पिता का लगाव ज्यादातर अपनी पुत्री से होता है लेकिन एक पिता की अहमियत बहुत ही बड़ी होती है एक पिता जो कि आपको बचपन से लेकर आपके जिम्मेदारी निभाने तक आपके साथ चलता है एक मां जरूर पिता के द्वारा आप तक सारी जिम्मेदारी पहुंचाती है लेकिन आखिर में यह जिम्मेदारी सारी पिता ही तो निभाता है।

हो सकता है कि आपके आपके पिता से संबंध होते अच्छे ना हो तो उन संबंधों को मजबूत करिए, कोशिश करिए कि उनकी डाट और फटकार को नजरअंदाज करते हुए आप उनके साथ चल कर खड़े हो सके और जब ऐसा हो जाएगा तब आपको आपके पिता का एक नया ही रूप आपको देखने को मिलेगा और उसे दोस्ती का नाम दे सकते हैं और ध्यान रहे की पिता आपका कभी बुरा नहीं चाहता भले ही आप अपने पिता से किसी भी तरह से व्यवहार करें।