काहिरा। मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी की सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान गिर कर मौत हो गई। सेना ने वर्ष 2013 में तख्तापलट करके उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था और उन पर जासूसी के आरोप थे।
बीबीसी के अनुसार न्यायालय की कार्यवाही के दौरान वह बेहोश हो गए और उनकी मौत हो गई। वह 67 वर्ष के थे और उन पर जासूसी के आरोप में मुकदमा चल रहा था।
मुर्सी को लोहे के एक पिंजरे में अदालत लाया गया था और अदालत में अपना पक्ष रखने के बाद वह बेहोश हो गए। मिस्र के सरकारी वकील का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में उनके शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं पाए गए है।
मुर्सी के पदभार संभालने के एक साल बाद उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया गया था और इसके बाद प्रशासन ने उनके और मुस्लिम ब्रदरहुड समर्थकों के खिलाफ शिंकजा कसना शुरू किया था। मुर्सी पर फलस्तीनी संगठन हमास के साथ संदिग्ध संपर्कों और जासूसी के आरोप में राजधानी की अदालत में सुनवाई चल रही थी।
जेल में उनकी हालत को लेकर काफी समय से चिंता जताई जा रही थी। पिछले वर्ष अक्टूबर में उनके सबसे छोटे बेटे अब्दुल्ला ने कहा था कि जेल अधिकारी उनके पिता को लगातार एकान्त में रख रहे हैं और उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियां होने के बावजूद उन्हें उपचार मुहैया नहीं कराया गया है।
अब्दुल्ला ने पांच महीने पहले कहा था कि मिस्र के अधिकारी कुछ इस तरह के प्रयास कर रहे हैं ताकि उनकी मौत जल्द से जल्द हो जाए और यह प्राकृतिक कारणों से हुई मौत दिखे।