अजमेर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियों द्वारा की गई अनियमितता के विरोध में गुरुवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले काश्तकारों ने अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर एक दिन का सांकेतिक धरना दिया। किसानों का कहना था कि बीमा कंपनियां किसानों का हक मारकर मालामाल हो रही हैं।
धरने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के नाम कलेटर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जिले में खरीफ 2016 यूनाइटेड इंडिया इन्श्योरेंश कंपनी लिमिटेड, रबी 2016—17 में इफ्को टोकियो जनरल इन्श्योरेंश कपनी लिमिटेड, खरीफ 2017 में एग्रीकल्चर इन्श्योरेंश कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड, रबी 2017—18 में बजाज एलाइंस जनरल इन्श्योरेंश कंपनी व खरीफ 2018 व रबी 2018—19 में टाटा एआईए इन्श्योरेंश कंपनी ने काम किया था।
उक्त कंपनियों ने अपने कार्यकाल में कई अनियमितताएं की है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दिए गए दिशा निर्देशानुसार कंपनी को प्रत्येक तहसील में तहसील स्तर पर अपना कार्यालय आवश्यक रूप से खोलना था जो कि नहीं खोला गया।
इसी तरह योजना के प्रचार प्रसार के लिए हर तहसील मुख्यालय पर एक कार्यशाला का आयोजन करना जरूरी होने के बाद भी इस निर्देश की पालना नहीं की गई। इस कारण जानकारी के अभाव में काश्तकार अपने नुकसान की सही तरीके से शिकायत दर्ज कराने में असमर्थ रहे।
सभी बीमा कंपनियों द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी अपर्याप्त होने के साथ अप्रशिक्षित होने के कारण सही ढंग से वे इस योजना का न तो प्रचार प्रसार कर सके न ही उनके द्वारा किसानों को सही जानकारी दी गई, इस कारण किसानों को नुकसान उठाना पडा।
बीते तीन साल से विभिन्न कारणों से जिले में बोई जाने वाी फसलों में नुकसान पहुंचा है, इसके उपरांत भी बीमा कंपनियों में दर्ज शिकायतें नगण्य के बराबर हैं। इससे सिद्ध होता है कि जिले में योजना का प्रचार प्रसार सही ढंग से नहीं हुआ।
खरीफ 2017 में तहसील सावर में पीलिया रोग की अधिकता थी जिसकी कृषि विभाग में शिकायत करने पर विभाग ने जांच कराई व जांच में रोग अधिक पाया गया फिर भी विभाग ने किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए कोई आवश्यक कदम नहीं उठाए।
बीमा कंपनियों को अपनी प्रगति रिपोर्ट जिले के उपनिदेशक कृषि विस्तार को देना तय किया गया था बावजूइ इसके न तो रिपोर्ट सौंपी गई और न ही विभाग ने इस बाबत कोई कार्रवाई की।
रबी 2017—18 में कार्यरत बजाज एलाइन्स जनरल इन्श्योरेंश कंपनी द्वारा स्वीकृत बीमा क्लेम 13,63,27, 115 का आज तक भु्गतान नहीं किया जाने से किसानों की आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई।
जानकारी के अभाव में जिन तहसीलों, उपखंड कार्यालयों तथा अन्य राजकीय कार्यालयों में किसानों ने अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी उनको संबंधित कंपनियों से क्षतिपूर्ति दिलवाने का कष्ट करें।