मैनचेस्टर। विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ नाबाद 56 रन बनाकर और तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने 16 रन पर चार विकेट लेकर क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर को सिरे से गलत साबित कर दिया।
भारत ने वेस्टइंडीज से यह महत्वपूर्ण मुकाबला 125 रन के बड़े अंतर से जीता और इस सेमीफाइनल के लिए अपनी दावेदारी पुख्ता कर ली। हालांकि कप्तान विराट कोहली अपनी 72 रन की पारी से मैन ऑफ द मैच बने लेकिन भारत की जीत में धोनी और शमी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
धोनी और शमी ने अपने प्रदर्शन से क्रिकेट लीजेंड और इस खेल के सबसे बड़े जानकार सचिन को गलत साबित किया। सचिन ने अफगानिस्तान के खिलाफ धोनी की 28 रन की धीमी पारी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने बल्लेबाजी करते समय सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं दिखाया जबकि कल के मैच से पहले सचिन ने सलाह दी थी कि शमी की जगह भुवनेश्वर कुमार को खेलाना चाहिए।
भुवनेश्वर हैमस्ट्रिंग चोट के कारण पिछले दो मैचों से टीम से बाहर हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैच की पूर्व संध्या पर टीम के साथ ट्रेनिंग की थी। सचिन ने सलाह दी थी कि भारत को विंडीज़ के खिलाफ भुवनेश्वर को शमी की जगह उतारना चाहिए क्योंकि वह अपनी स्विंग से विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल को आउट कर सकते हैं।
हालांकि टीम प्रबंधन ने भुवनेश्वर को खेलाने का जोखिम नहीं उठाया और शमी को ही मुकाबले में उतारा। शमी ने शानदार गेंदबाजी करते हुये न केवल गेल को शुरूआत में निपटाया बल्कि मैच में 16 रन पर चार विकेट लेकर मास्टर ब्लास्टर को गलत साबित कर दिया।
भुवनेश्वर की चोट के कारण शमी को अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले में उतरने का मौका मिला और उन्होंने हैट्रिक सहित चार विकेट लेकर अपनी धमक दिखाई। उन्होंने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ भी चार विकेट लिए। हालांकि लगातार दो मैचों में चार चार विकेट लेने के बावजूद शमी को किसी भी मैच में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।
अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में जसप्रीत बुमराह मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार ले उड़े जबकि विंडीज के खिलाफ विराट मैन ऑफ द मैच बने। शमी ने अपने प्रदर्शन से भुवनेश्वर की कमी को पूरा कर दिया। शमी के इस प्रदर्शन ने भारतीय टीम प्रबंधन के सामने धर्मसंकट जैसी स्थिति पैदा कर दी है कि यदि भुवनेश्वर इंग्लैंड के खिलाफ 30 जून को होने वाले मैच के लिए फिट हो जाते हैं तो प्रबंधन तेज़ गेंदबाजी में किसे बाहर रखेगा।
धोनी ने भारत के लिए निर्णायक अर्धशतकीय पारी खेलकर सचिन की आलोचना का भी जवाब दिया। धोनी ने अफगानिस्तान के खिलाफ धीमी गति से खेलते हुए 28 रन बनाए थे लेकिन उनकी केदार जाधव के साथ अर्धशतकीय साझेदारी अंत में भारत की जीत में निर्णायक रही थी।
धोनी की इस पारी के बाद सचिन ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि पूर्व कप्तान को बल्लेबाजी करते हुये सकारात्मक रवैया दिखाना चाहिये था। धोनी के प्रशंसकों ने सचिन के इस रवैये की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना भी की थी।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैच के बाद कहा है कि धोनी महान बल्लेबाज़ हैं और वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी समझते हैं इसलिए उन्हें समझाने की कोई जरूरत नहीं है।