शिक्षा को लेकर एक बहुत बड़ा मसला है जो की शुरू से चलता आ रहा है पर इसका किसी भी प्रकार से निवारण नहीं हो पाया अधिकतर शिक्षा का मकसद लोगों के लिए नौकरी पाना होता है और नौकरी पाने के लिए लोगों के मन में ज्यादातर यही रहता है कि किसी प्रकार से सरकारी नौकरी मिल जाए और सरकारी नौकरी पाने के लिए आपको सरकार द्वारा आयोजित कई प्रकार के परीक्षाएं देनी पड़ती हैं।
हर साल नौकरी के नाम पर करोड़ो का फर्जीबाड़ा
जो कि अलग-अलग पद और अलग-अलग श्रेणी के लिए होती है लेकिन ताज्जुब तो जब होता है हर साल कई इस तरह के पद निकलते हैं जिसे लाखों लोग भरते हैं उसका पैसा देते हैं लेकिन या तो उसके परीक्षा आयोजित नहीं की जाती या फिर उसके परिणाम रोक दिए जाते हैं या परिणाम आने के बाद किसी अन्य कारण से आवेदकों को उनकी नौकरी ही नहीं मिल पाती इसको लेकर हर साल कई सारे पदों के लिए लोग अपने करोड़ों रुपए दांव पर लगाते हैं।
करोड़ों रुपए का होता क्या है
आखिर करोड़ों रुपए का होता क्या है इसका जवाब ना तो कोई मांगता है और ना ही आगे से मिलता है आखिर ऐसा क्यों होता है इसको लेकर लोग आवाज क्यों नहीं उठाते हैं। सभी को यह लगता है कि किसी कारण से ऐसा हो गया होगा और परीक्षा के लिए आप जो भी फॉर्म भरते हैं उसकी कीमत ₹100 से लेकर कई बार 500 ₹600 तक भी होती है और कई बार इससे ज्यादा भी लेकिन एक इंसान के लिए यह कीमत शायद ज्यादा मायने नहीं रखती लेकिन क्या कभी आपने सोचा है एक पद के लिए लाखों की संख्या में लोग आवेदन करते हैं और जब इनकी कुल संख्या योग किया जाए तो यह संख्या करोड़ों में निकल कर बाहर आती है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं देता सभी से अनजान हो जाते हैं।
यह बात बड़ी छोटी सी है लेकिन यदि गहराई से सोचेंगे तो अपने आप में यह हमारे देश की बहुत ही विकट और कमजोर स्थिति है। यदि आप इस बात से सहमत हैं कि आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ है तो आप अपने विचार या अपनी टिप्पणियां हमारे सोशल पेज से जुड़ कर दीजिए ताकि इसको लेकर कुछ और भी कदम उठाया जा सके धन्यवाद।