नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कभी कहा था कि वह सोशल मीडिया से नहीं जुड़ेंगे लेकिन वह इस पर कायम नहीं रह सके।
डॉ मोहन भागवत और आरएसएस के कुछ अन्य नेता माइक्रो-ब्लागिंग साइट पर सोमवार को दिखे। माइक्रो-ब्लागिंग साइट में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में सुरेश जोशी, कृष्णा गोपाल, सुरेश सोनी, अरुण कुमार, अनिरूद्ध देशपांडे आदि हैं।
आरएसएस के 95वीं वर्षगांठ के अवसर पर वर्ष 2011 में संस्था माइक्रो-ब्लागिंग में शामिल हुई थी लेकिन संस्था के शीर्ष नेता इससे दूर थे। आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी और भारतीय जनता पार्टी के लिए काम करती रही।
संस्था को आधुनिक बनाए रखने के लिए सर्वप्रथम खाकी हाफ पैंट की जगह फुलपैंट लाई गई। आज के समय में ट्विटर राजनीति सामाजिक-सांस्कृतिक प्रवचन के साथ मनोरंजन का एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म बन चुका है।
भागवत के ट्विटर प्लेटफार्म पर आना लोगों की उत्सुकता बढ़ा रहा है क्योंकि पिछले वर्ष भागवत ने ट्विटर को ‘मैं, मेरा, मेरा’ कह कर सार्वजनिक रूप से निंदा की थी। भागवत काे आरएसएस के सरसंघचालक पद के लिए 21 मार्च 2009 को चुना गया था। भागवत के ट्विटर से जुड़ने से संस्था की प्रसिद्धि और बढ़ेगी।