गुवाहाटी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने बुधवार को 30 आदिवासियों की हत्या के आरोपी उग्रवादी खामरी बसुमतारी उर्फ उरला को सात साल की कैद और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया तथा जुर्माना नहीं देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा होगी।
एनआईए ने यह जानकरी दी। एनआईए ने उग्रवादी पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 19 और 20 के तहत अपराध मामले में उनकी भागीदारी के लिए दोषी ठहराया था। अदालत ने दोषी पाए जाने के बाद उसे यह सजा सुनाई है।
यह मामला 23 दिसंबर 2014 का है जिस दिन प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एनडीएफबी (एस) के कैडरों ने बिस्वनाथ चाराली थाना के सोनाजौली क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के 30 लोगों की हत्या कर दी थी। दोषी उग्रवादी अपने संगठन का दूसरा लेफ्टिनेंट था और उसने कोहिमा के एक घर में मुख्य आरोपी अजय बासुमतारी और दिलीप बसुमतरी को शरण दी थी।
एनआईए ने 25 दिसंबर 2014 को असम पुलिस से इस मामले को अपने हाथ में लिया और जांच शुरू की थी। एनआईए के मुताबिक यह इस मामले में 11वीं सजा है। इससे पहले दो आरोपियों काे मौत की सजा और दो को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है।