सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिण्डवाड़ा थाना क्षेत्र के विरोली गांव का ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। करीब एक महीने पहले हुई प्रेमी युगल की हत्या के बाद रविवार को पुलिस ने इस प्रकरण को खुलासा किया। पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा ने रविवार को इस मामले की गुत्थी सुलझने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रकरण को खोलने की जानकारी दी।
-यूं की हत्या और यूं दबाने का किया प्रयास
मामला पिण्डवाड़ा थाने के विरोली गांव का है। यहां एक अगड़ी जाति की लडक़ी और दूसरी जाति के युवक के बीच प्रेम प्रसंग था। करीब एक महीने पहले की घटना है। लडकी अपने ही गांव के उसके प्रेमी सरूपराम पुत्र अचलाराम रेबारी के पास अहमदाबाद चली गई। जब यह बात लडकी के परिवार वालों को पता चली तो उसके चाचा लक्ष्मणसिंह ने युवक के पिता अचलाराम को बुलवाया।
अंदेशा जताया कि उनकी लडक़ी उसके पुत्र के यहां गई हो सकती है। उससे सरूपाराम का पता पूछा। इसके बाद लक्ष्मणसिंह ने अचलाराम के दो पुत्र मोतीराम और भतीजे भीमाराम को सरूपाराम के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अहमदाबाद भेजा। लक्ष्मणसिंह वीरवाड़ा स्थित अपने सीमेंट ऑफिस मे पहुंचा।
वहा से फोन करके विरोली निवासी सज्जनसिंह, विक्रमसिंह, मनोहरसिंह, जुंजारसिंह तथा बोलीगुडा निवासी मेजरसिंह उर्फ महेन्द्रसिंह को बुलवाया। इसके बाद वीरवाड़ा निवासी भंवरलाल रावल को टवेरा गाड़ी के साथ ऑफिस आने को कहा। इसी दौरान उसने लडक़े के पिता अचलाराम और नगाराम को भी ऑफिस बुलवा लिया।
ये सब अहमदाबाद सरूपाराम के यहां रवाना हो गए। वहां पहुंच कर अचलाराम के लडक़े सरूपाराम, मोतीराम और भीमाराम को फोन करके अडालज चौकड़ी पर बुलवाया। यहां पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि लक्ष्मणसिंह की भतीजी अपने प्रेमी सरूपाराम के पास अहमदाबाद आई थी, जिसे सरूपाराम ने कुछ देर पहले ही पिण्डवाड़ा की ट्रेन में बैठा दिया था।
ट्रेन की लोकेशन जानी तो ट्रेन अहमदाबाद के निकट कलोल स्टेशन पहुंचने वाली थी। यह सभी लोग कलोल पहुंचे। वहां ट्रेन से लडक़ी को भी उतार लिया। यहां पर सरूपाराम के भाई मोतीराम और भीमाराम को उतार कर लडक़ी को अपने साथ लेकर उसके प्रेमी सरूपाराम और लडक़े के पिता के साथ विरोली के लिए रवाना हो गए।
पालनपुर में लक्ष्मणसिंह ने सरूपाराम के पिता अचलाराम और चाचा नगाराम के साथ विक्रमसिंह और मनोहरसिंह को भी उतार दिया। बाकी लोग लडक़ी और प्रूपाराम को लेकर विरोली के लिए रवाना हो गए। पिण्डवाड़ा पहुुंचने पर जनापुरा चौराहे पर मेजर को उतार दिया। लडक़ी और सरूपाराम को लेकर शेष लोग विरोली जाने वाले कच्चे रास्ते पर उतर गए।
जहां लक्ष्मणसिंह ने ड्राईवर भंवरलाल को भी उतार दिया। गाड़ी खुद चलाकर नया सानवाड़ा के जंगलों में ले गए। यहां पर षड्यंत्र पूर्वक तरीके से लडक़ी और लडक़े की हत्या कर दी। दोनों की लाशें गाड़ी में डालकर वह वापस भंवरलाल रावल के पास पहुंचे।
यहां पर बिना किसी को सूचना दिए और सामाजिक संस्कार पूरा किए हुए लडक़ी और लडक़े का अंतिम संस्कार करके हत्या के सबूत मिटा दिए। सरूपाराम के पिता अचलाराम को बुलवाकर उसकी मौत के बारे में भी बता दिया और इस प्रकरण के बारे में कुछ नहीं बोलने की धमकी भी दी।
-सुगबुगाहट और आंदोलन से खुला मामला
यह मामला यूं सामने नहीं आता। जानकारी के अनुसार सुमन कंवर 30 मई को सरूपाराम के पास अहमदाबाद के लिए परिवार को बताए बिना चली गई थी। इनकी हत्या 2 या 3 जून को की गई थी। एक ही गांव में एक ही दिन दो युवाओं की मौत का मातम दोनों घरों में होने पर ग्रामीणों को शक हुआ। गांव में सुगबुगाहट उठने लगी। अब तक लडक़े का पिता अपने पुत्र की हत्या पर खून का घूंट पिया हुआ सिसक रहा था।
उनके समाज में यह बात फैली तो उनकी हिम्मत मिलने पर अचलाराम ने इस प्रकरण की रिपोर्ट 20 जून को पिण्डवाड़ा थाने में दी। इसके बाद भी मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं होने पर पिछले सप्ताह देवासी समाज ने पिण्डवाड़ा थाने में धरना दिया। इसके बाद जांच करके पुलिस अधीक्षक ने इस प्रकरण में लक्ष्मणसिंह समेत चार जनों की गिरफ्तारी और मामले के ऑनर किलिंग का होने की जानकारी दी।