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राहुल गांधी के कदम का अनुकरण दूसरे नेताओं ने क्यों नहीं किया : जनार्दन द्विवेदी - Sabguru News
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राहुल गांधी के कदम का अनुकरण दूसरे नेताओं ने क्यों नहीं किया : जनार्दन द्विवेदी

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राहुल गांधी के कदम का अनुकरण दूसरे नेताओं ने क्यों नहीं किया : जनार्दन द्विवेदी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि अन्य नेता भी इस हार के लिए जिम्मेदार हैं और उनको भी गांधी की तरह अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए था।

द्विवेदी ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गांधी को पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की पेशकश करने से पहले अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी और को सौंप देने का प्रस्ताव करना चाहिए था और फिर उस पर पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति में विचार-विमर्श होता लेकिन गांधी ने ऐसा नहीं किया और न ही कार्य समिति ने डेढ माह से इस बारे में कोई निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि गांधी को पार्टी के संचालन के लिए कोई व्यवस्था जरूर करनी चाहिए थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस संदर्भ में सोनिया गांधी का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए जब वह विदेश गई थीं तो उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी के संचालन का दायित्व उन्होंने चार लोगों काे सौंप दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से पहले पार्टी के संचालन की इसी तरह की व्यवस्था गांधी को भी करनी चाहिए थी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि गांधी तकनीकी रूप से अभी भी कांग्रेस अध्यक्ष हैं लेकिन कार्य समिति को जल्द से जल्द बैठक करके पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी की हार के लिए गांधी अकेले जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि इसके लिए अन्य नेता भी जिम्मेदार है। गांधी ने नैतिकता का परिचय देते हुए पद से इस्तीफा देकर बड़ा कदम उठाया है लेकिन अन्य नेताओं ने यह नैतिकता नहीं दिखाई है।

द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को देखकर उन्हें बहुत कष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिस संगठन में उन्होंने अपना पूरा जीवन बिताया है उसकी इस हालात को देखकर पीड़ा होना स्वाभाविक है। उन्होंने संगठन को 2014 के चुनाव से पहले कई सुझाव दिए थे लेकिन उन पर विचार नहीं हुआ। उन्हें साफ दिख रहा था कि पार्टी चुनाव में बहुत बुरी तरह से हार रही है।

उन्होंने कहा कि उस समय पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए संगठन के भीतर आरक्षण का मुद्दा उठाया गया था उसको लेकर कोई नेता कुछ नहीं बोला। उस दौरान भारतीयता का मुद्दा सामने आया लेकिन कांग्रेस का व्यवहार इस तरह का रहा जैसे इस मुद्दे से उसका कुछ लेना-देना नहीं है। इसी तरह के कई अन्य मुद्दे थे जिनको लेकर संगठन ने जो रुख अपनाया वह किसी भी स्तर पर ठीक नहीं था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इशारे में कांग्रेस संगठन की आलोचना की और कहा कि जिस संगठन में या जिस समाज में या जिस देश में स्वतंत्र विचार और मुक्त आत्मा का स्वर नहीं सुना जाता वह समाज और देश मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं रह सकता और वहां लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आज अध्यक्ष पद के लिए कई नाम उछाले जा रहे हैं और यह ठीक नहीं है क्योंकि कांग्रेस का सवा सौ साल से ज्यादा परंपरा है कि यहां पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति चुनाव के आधार पर ही होती है।

उन्होंने कहा कि कुछ ही मौके इस दौरान आए हैं जब अध्यक्ष पद के लिए इस परंपरा का निर्वहन नहीं किया गया हो। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति होनी चाहिए और अब कांग्रेस कार्य समिति को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।